कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने गुजरात में गिरफ्तार किए गए इस्लामिक स्टेट के एक संदिग्ध सदस्य के साथ उनके कथित संबंधों और इस विवाद में उनका नाम घसीटे जाने के प्रयासों की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है।
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव पटेल सूरत से इस्लामिक स्टेट के दो संदिग्ध सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद पैदा हुए राजनीतिक घमासान के केंद्र में हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इनमें से एक संदिग्ध कासिम टिंबरवाला भरुच जिले में सरदार पटेल अस्पताल में काम करता था जहां पटेल एक ट्रस्टी थे।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में पटेल ने कहा कि भाजपा इस मामले में उनका नाम घसीटकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पत्र में लिखा, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इस मामले पर संज्ञान लें और भारत के गृह मंत्री होने के नाते संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ तरीके से इस जांच को उसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने का निर्देश दें।
उन्होंने लिखा, "जो भी दोषी हो, उसे उसके धर्म या उसकी किसी संबद्धता पर ध्यान दिए बिना सजा देनी चाहिए। इस मामले में आपकी सरकार को मेरा पूर्ण समर्थन है।"
पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों को राजनीति का बंधक नहीं बना सकते और मामूली चुनावी फायदे के लिए राजनीतिक विरोधियों की छवि धूमिल नहीं करनी चाहिए। पत्र में लिखा गया है, यह आतंकवाद के खिलाफ चल रही हमारी लड़ाई के साथ बड़ा अन्याय होगा। इसलिए मुझो यह काफी चिंताजनक लगता है कि गुजरात में सत्तारूढ़ पार्टी चुनावों के मद्देनजर बेबुनियादी और अप्रमाणित आरोप लगाकर एक गंभीर जांच को नुकसान पहुंचा रही है। पटेल ने कहा कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो सभी को राजनीतिक मतभेदों से परे उठना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और न्यायपालिका को आतंकवाद के आरोप तय करने चाहिए, ना कि पार्टी मुख्यालय से संवाददाता सम्मेलन में नेताओं को।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने शुक्रवार को पटेल के इस्तीफे की मांग की थी और उनसे कासिम की भर्ती करने के पीछे मौजूद रही परिस्थितियों को स्पष्ट करने के लिए कहा था।