भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)ने इस साल भी बड़ी कामयाबी हासिल की है। सोमवार को इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी52 के जरिए सैटेलाइट ईओएस-04 को सफलतापूर्व प्रक्षेपित किया। इसके साथ दो अन्य छोटे सैटलाइट को भी अंतरिक्ष में भेजा गया।
पीएसएलवी-सी 52 के जरिए जिस उपग्रह ईओएस-04 को धरती की कक्षा में भेजा गया है वह धरती पर निगाह रखने का काम करेगा। इसके साथ ही दो छोटे-छोटे ध्रुवीय उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है। इसके लिए 25 घंटे और 30 मिनट की उल्टी गिनती की गई। ईओएस-04 एक रडार इमेजिंग सैटेलाइट है जिसका काम कृषि, वृक्षापोपण, मिट्टी की नमी, बाढ़ मानचित्र, जल विज्ञान और मौसम विज्ञान संबंधी जानकारियां भेजना है।
वहीं जिन दो छोटे उपग्रहों को भेजा गया है उन्हें कोलोराडो यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तैयार किया गया है। इसके साथ ही एक सैटेलाइट को भारतीय अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बनाया गया है। इन उपग्रहों के जरिए आयनमंडल औऱ सूर्य की कोरोनल ऊष्मीय प्रक्रियाओं के बारे में शोध किया जाएगा। दूसरे सैटेलाइट के जरिए भूमि के तापमान, आर्द्रता आदि का पता लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि पीएसएलवी की यह 54वीं उड़ान है। इसके अलावा 6 पीएसओएस-एक्सएल (स्ट्रैपऑन मोटर्स) के जरिए इस सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए यह 23वां अभियान है। पीएसएलवी के माध्यम से भेजे गए इस सैटेलाइट को धरती से 529 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है।