देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और आईसीएमआर ने बुधवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन करते हुए बताया कि चमगादड़ से इंसान में इस तरह वायरस आने की घटना बहुत दुर्लभ है। ऐसा हजार साल में एक बार होता है।
‘कोरोना वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न हुआ, फिर यह पैंगोलिन तक पहुंच गया’
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की तरफ से डॉक्टर आर गंगाखेडकर ने बताया कि चीन में हुए शोध के अनुसार, यह पाया गया कि कोरोना वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न हुआ, फिर यह पैंगोलिन तक पहुंच गया होगा और इसके बाद पैंगोलिन से होते हुए यह वायरस मनुष्यों में पहुंच गया।
‘दो प्रकार के चमगादड़ होते हैं’
गंगाखेडकर ने कहा कि हमने भी जांच की, जिसमें हमने पाया कि दो प्रकार के चमगादड़ होते हैं, जिनमें कोरोना वायरस पाया जाता है लेकिन वे मनुष्यों को प्रभावित करने में सक्षम नहीं होते थे। वह इंसान में नहीं आ सकता। यह दुर्लभ है। चमगादड़ों से इंसान में कोरोना वायरस आने की घटना हजार साल में एकाध बार हो जाए तो यही बहुत बड़ी बात है।
‘इंसानों में आकर बीमार करने को सक्षम हो गया’
आइसीएमआर के अनुसार, चमगादड़ का वायरस का ऐसा म्यूटेशन डिवेलप हुआ जिससे उसके अंदर इंसान के अंदर जाने की क्षमता पैदा हो गई। वह ऐसा विषाणु बन गया होगा जो इंसानों में आकर बीमार करने को सक्षम हो गया हो। बता दें कि यह जानकारी देश में कोरोना वायरस से निपटने और लॉकडाउन की स्थिति को लेकर बुधवार को स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दी गई।
देश के जिलों को तीन जोन में बांटा गया
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश के जिलों को हॉटस्पॉट जिले, नॉन-हॉटस्पॉट जिले(जहां मामले सामने आ रहे हैं )और ग्रीन जोन जिलों (जहां कोई मामला सामने नहीं आया है) में बांटा गया है। हॉटस्पॉट जिले वो हैं जहां ज्यादा मामले आ रहे हैं या मामलों की बढ़ने की गति तेज है। हॉटस्पॉट 170 जिले हॉटस्पॉट घोषित किए जाएंगे, नॉन-हॉटस्पॉट जिले 207 हैं।