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पहले दल की रवानगी के साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू, तीन हजार तीर्थ यात्री जाएंगे इस साल

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने की घोषणा की है। इसके साथ ही तीर्थ यात्रियों...
पहले दल की रवानगी के साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू, तीन हजार तीर्थ यात्री जाएंगे इस साल

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने की घोषणा की है। इसके साथ ही तीर्थ यात्रियों का पहला दल दिल्ली से रवाना हो गया। यात्रियों की रवानगी से पहले एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नागरिकों की बीच संपर्क बढ़ाने की दिशा में यह तीर्थ यात्रा महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत-चीन के बीच दोस्ती और आपसी समझ मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा पर करीब 3000 तीर्थ यात्री जा रहे हैं।

हर साल बढ़ रही है यात्रियों की संख्या

जवाहरलाल नेहरू भवन में तीर्थ यात्रियं के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के अपने अनुभव को भी साझा किया। वह उस समय चीन में राजदूत के तौर पर तैनात थे। विदेश मंत्री ने लिपूलेख रूट से यात्रा शुरू होने की घोषणा करते हुए कहा कि 1981 में शुरू हुई इस तीर्थ यात्रा के प्रति पिछले वर्षों में दिलचस्पी काफी बढ़ी है और यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 

भारत-चीन के नागरिकों के बीच संपर्क बढ़ाने में यात्रा अहमः विदेश मंत्री

जयशंकर ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने में कई अन्य मंत्रालयों और सरकारी एजेंसियों खासकर उत्तराखंड, सिक्किम और दिल्ली की राज्य सरकारों की भी अहम भूमिका है। इन एजेंसियों की ओर से पूरा सहयोग मिला। चीन ने भी इस यात्रा को संपन्न करने तैयारियां पूरी करने में भरपूर सहयोग दिया। दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क बढ़ाने और भारत-चीन के बीच दोस्ती और समझ बढ़ाने में यह यात्रा काफी महत्व रखती है।

हर यात्री दल में होंगे दो-दो अधिकारी

इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए मंत्रालय को कुल 2996 आवेदन मिले। इनमें से 2256 पुरुषों और 740 महिलाओं ने आवेदन किया। इनमें 624 वरिष्ठ नागरिक हैं। लिपूलेख (उत्तराखंड) रूट से 60-60 यात्रियों के 18 दल और नाथू ला (सिक्किम) रूट से 50-50 यात्रियों के 10 बैच यात्रा के लिए जाएंगे। यात्रियों की मदद के लिए हर बैच में दो-दो अधिकारी होंगे।

ऐसी दुर्गम होगी तीर्थ यात्रा  

बेहद खराब मौसम में ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होते हुए अत्यंत कठिन हालातों में यात्रियों को 19500 फुट तक की ऊंचाई तक पैदल चलना पड़ता है। शारीरिक और स्वास्थ्य के लिहाज से कमजोर यात्रियों के लिए यह दुर्गम यात्रा खतरनाक साबित हो सकती है।

यात्री सुरक्षा नियमों का पालन करें

जयशंकर ने यात्रियों से सुरक्षा के नियमों का कड़ाई से पालन करने की अपील की है। सभी यात्रियों के लिए इन नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। विदेश मंत्रालय द्ववारा आयोजित इस कार्यक्रम में पहले दल के यात्रियों ने भी हिस्सा लिया। यह यात्रा उत्तराखंड, दिल्ली और सिक्किम सरकारों के अलावा इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के सहयोग से आयोजित की जा रही है। कुमाऊं मंडल विकास निगम, सिक्किम ट्यूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन और उनसे जुड़े संगठन भारत में यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्थ कराते हैं।

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