उच्च सदन में बिताए अपने यादगार पलों को कीमती बताते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता के बिना लोकतंत्र संभव नहीं है। उन्होंने ओवैसी का नाम लिए बिना कहा कि वह कहते हैं कि वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे क्योंकि संविधान में ऐसा करने के लिए नहीं कहा गया है लेकिन क्या संविधान उन्हें शेरवानी पहनने की भी इजाजत देता है। राज्यसभा में अपने बिताए छह वर्षों के खट्टे-मीठे अनुभवों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘दुनिया के तमाम देशों में सरकारें हैं लेकिन जहां विपक्ष है वहीं लोकतंत्र की ताकत दिखती है। आजादी के बाद देश की सबसे बड़ी उपलब्धि देश में गहरी जड़ें जमा चुका लोकतंत्र की ताकत ही है।’
जावेद अख्तर ने कहा, ‘हमें अपने संविधान का शुक्रगुजार होना चाहिए जिसने हमें मजबूत लोकतंत्र दिया है।’ उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की कि वह देश की युवा ताकत को पहचाने और देश के विकास की ज्यादा संभावनाएं तलाशें।