आईआईटी, एनआईटी और देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती के लिए जेईई-मेन की परीक्षा दी जाती है। जिसमें बैठे छात्रों की गोपनीय जानकारी कंसलटेंसी फर्म चलाने वाले और प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों को पैसे के बदले दे रहे हैं।
इस वेबसाइट पर है आरोप
एक हिंदी वेबसाइट के मुताबिक plus2jee.datadesk.in के जरिए यह डाटा बेचने के लिए लीक किया जा रहा है। फिलहाल इस वेबसाइट को बंद कर दिया गया है।
लीक की जा रही है गोपनीय जानकारी
एक हिंदी वेबसाइट के मुताबिक इसमें विद्यार्थी का नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल ऐड्रेस, पिन कोड आदि उपलब्ध है। जिसे पैसे देते ही प्राप्त किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक एक राज्य के छात्रों की पूरी जानकारी के 57 हजार रूपए तक उपलब्ध कराई जा रही है।
क्या होगा नुकसान?
जेईई मेन में शामिल अभ्यर्थियों का ब्योरा प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों के हाथ लगने पर वे इसका लाभ उठा सकते हैं। क्योंकि कई राज्यों के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में जेईई मेन के स्कोर के आधार पर भर्ती के लिए सीटें आरक्षित हैं। जानकारी के मुताबिक छात्रों से संबंधित डाटा को न्यूनतम तीन साल तक गोपनीय रखना होता है। कई मामलों में यह अवधि न्यूनतम 8 साल भी है। ऐसे में परीक्षा के दो महीने के अंदर ही छात्रों का ब्योरा लीक होने पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाया है।
क्या है कानून?
आईटी एक्ट की धारा 43-बी के अनुसार यदि कोई भी गोपनीय डाटा को बेचता या खरीदता है तो उसे 3 साल की कैद और 5 लाख तक का जुर्माना हो सकता है। जिसके पास डाटा को संरक्षित और रखरखाव करने की जिम्मेदारी है उसे आईटी एक्ट की धारा 67-सी के तहत तीन साल की सजा हो सकती है। जानकारी के अनुसार इसमें 3.29 लाख लड़कियों के भी मोबाइल नंबर हैं, जिनका दुरुपयोग भी किया जा सकता। यह निजता से भी जुड़ा हुआ मामला है जिसे सार्वजनिक करने पर भी 3 साल की सजा और 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।