आप के अधिकार, आप की सरकार, आप के द्वार के हवाले जनता की समस्याएं दूर करने के अभियान में जुटे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लंबे समय के बाद औपचारिक तौर पर मीडिया से मुखातिब हुए। किए गए और किए जा रहे काम और आगे की योजना की चर्चा की केंद्र पर असहयोग को लेकर बरसे तो अपनी विधान सभा सदस्यता पर राजभवन की खामोशी को लेकर इशारों इशारों में राज्यपाल पर जमकर बरसे।
शनिवार को अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से कहा कि जब उनकी सरकार विकास कार्यों को गति दे रही है विपक्ष षड्यंत्र रच रहा है। विपक्ष के पास सरकार को घेरने और उंगली उठाने का कोई मुद्दा नहीं बचा है। संवैधानिक संस्थाओं के बल पर विपक्ष अपनी रोटी सेकने की चालें चल रहा है। उनकी रोटी अब सिंकने के बदले जल जाएगी।
सोरेन ने इशारे इशारे में ऑफिस ऑफ प्रॉफ़िट मामले पर कहा कि किसी मुजरिम को किसी ने आज तक सज़ा मांगने का रिक्वेस्ट करते देखा है। अगर मैं मुजरिम हूं तो सज़ा सुना दी जाए । कार्यपालिका में संशय पैदा करने का जिम्मेदार कौन है। मैं गुनहगार हूं तो फिर इस पद पर किस हैसियत से बैठा हूं। संशय पैदा करने के लिए कौन जिम्मेदार है, आप पत्रकार बखूबी समझ सकते हैं। उन्होने कहा कि विपक्ष के पास आज कोई मुद्दा नहीं है। नेता विहीन और मुद्दा विहीन पार्टी अब भटकती और बेचैन आत्मा की तरह सिर्फ भटकने का काम कर रही है।
हेमंत ने कहा कि विपक्ष ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। ऐसे विपक्ष पर भरोसा करना सही नहीं। राज्य की गठबंधन सरकार ने अब तक लगभग 3 वर्षों का कार्यकाल पूरा किया है। सरकार पूरी तरह से निडर और निर्भीक होकर अगले दो वर्षो का भी कार्य काल पूरा करेगी। संवैधानिक संस्थाओं का डर दिखाकर राज्य में सरकार को अस्थिर नहीं किया जा सकता है। जब से राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ है तब से लगातार विपक्ष मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख कर अपना मुख्यमंत्री बनाना चाह रहा है। सोरेन ने कहा कि राज्य में फिलहाल कांग्रेस और आरजेडी के सहयोग से उनकी सरकार अच्छी तरह से चल रही है ।
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण में चलाए गए इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए पिछले 12 अक्टूबर से राज्य भर में एक बार फिर से साढ़े चार हजार से अधिक पंचायतों में एक बार फिर से सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के लाखो लोगो की समस्यो का त्वरित समाधान का रास्ता तैयार किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रहने वाले सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान हो उनका ऐसा प्रयास है। उन्होंने कहा कि 1932 के खतियान धारी हो या फिर उस कट ऑफ डेट के बाद आने वाले लोग हो सभी के हितों का ख्याल सरकार करेगी। केंद्र से राज्य को मिलने वाले सहयोग के एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि देश में गैर भाजपा शासित राज्यों की स्थिति एक समान है।
पड़ोसी राज्य बिहार का हवाला देते हुए कहा कि डबल इंजिन की सरकार के जाने के बाद बिहार में कई योजनाओं में बड़ी तेज़ी से रुकावट आनी शुरू हो गई है। उन्होने 1 लाख 36 हज़ार करोड़ की बकाए की मांग केंद्र के समक्ष रखी तो केंद्रीय एजेंसियों के प्रेत पीछे लगा दिए गए। इस दौरान सीएम ने कुडमी आंदोलन की राजनीति और लातेहार में टा नाभागतों के आंदोलन आदि विषयों की भी चर्चा की और राज्य की उपेक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला।