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झारखंड रोपवे दुर्घटना: एक की मौत, बाकी जिंदगियों को बचाने के लिए अभियान जारी

झारखंड के देवघर जिले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकुट पहाड़ियों पर 12 रोपवे केबल कारों की...
झारखंड रोपवे दुर्घटना: एक की मौत, बाकी जिंदगियों को बचाने के लिए अभियान जारी

झारखंड के देवघर जिले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकुट पहाड़ियों पर 12 रोपवे केबल कारों की एक-दूसरे से टकराने से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 48 अन्य फंस गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी के मुताबिक रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे हुई इस टक्कर में 10 पर्यटक गंभीर रूप से घायल हो गए और उनमें से एक की देर रात मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि वायुसेना के दो हेलिकॉप्टर निकासी के लिए पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा, "पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। रविवार रात से काम कर रहे एनडीआरएफ की एक टीम ने 11 लोगों को बचाया है। स्थानीय लोग भी बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं। घटना में दस लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनमें से एक उनकी कल देर रात मौत हो गई।''

झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे परआईटीबीपी के पीआरओ विवेक पांडे ने कहा कि 12 ट्रालियों में 48 लोगों के फंसे होने की हमें सूचना मिली थी। थोड़ी देर पहले 60 फीट नीचे वाली ट्राली से 4 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। एक अन्य ट्राली से भी 4 लोगों को निकाला है। कुल 8 लोग निकाले गए हैं।


उन्होंने कहा कि बाकी के 40 लोगों को निकालने के लिए ऑपरेशन जारी है। उन्हें खाना भी पहुंचाया जा रहा है। सेना, एनडीआरएफ, वायु सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। आज देर शाम तक शायद हम सभी लोगों को सुरक्षित ट्रालियों से बाहल निकाल दें।


झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि एनडीआरएफ, भारतीय वायुसेना और गरुड कमांडो के द्वारा सहायता ली जा रही है। जिन्होंने उस रोपवे को बनाया था उनकी टीम भी वहां पहुंच गई है। बचाव के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। चीज़ों पर हम लोगों की नज़र हैं।

दुर्घटना के कारण के बारे में पूछे जाने पर डीसी ने कहा कि पूरी जिला मशीनरी वर्तमान में निकासी अभ्यास में शामिल है, और ऑपरेशन खत्म होने के बाद ही जांच शुरू की जाएगी।

डीसी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा था कि दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी है। उन्होंने यह भी कहा कि रोपवे का संचालन एक निजी कंपनी कर रही है।

हादसे के कुछ देर बाद ही सिस्टम चलाने वाले ऑपरेटर मौके से फरार हो गए।

झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, त्रिकूट रोपवे, 44 डिग्री के अधिकतम लेंस कोण के साथ भारत का सबसे ऊंचा ऊर्ध्वाधर रोपवे है।

बाबा बैद्यनाथ मंदिर से लगभग 20 किमी दूर स्थित रोपवे लगभग 766 मीटर लंबा है, जबकि पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है।

 

 

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