भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए नौ नामों की सिफारिश की है। लेकिन, दिलचस्प है कि इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक दशक पहले सीबीआई हिरासत में भेजने वाले न्यायमूर्ति अकिल अब्दुलहमीद कुरैशी का नाम नहीं है। अंग्रेजी अखबार दी टेलिग्राफ के मुताबिक वे देश के वरिष्ठतम हाईकोर्ट के जजों में से एक हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक ये सूची न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन के रिटायर होने के बाद एक हफ्ते से भी कम समय में जारी की गई है जो सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के तीसरे वरिष्ठतम सदस्य थे और उनके बारे में पता चला है कि दूसरों के नाम पर विचार करने से पहले वे न्यायमूर्ति कुरैशी जैसे वरिष्ठ जज को शीर्ष अदालत में भेजे जाने के पक्षधर थे। और ये मामला महीनों लटका था।
जस्टिस आर एफ नरीमन के 12 अगस्त को रिटायर हो जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या कम होकर 25 हो गई है जबकि सीजेआई सहित न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है। 19 मार्च 2019 में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष अदालत में कोई नियुक्ति नहीं हुई।
सूत्रों ने बताया कि न्यायमूर्ति नागरत्ना के अलावा दो अन्य महिला न्यायाधीश के नाम भी भेजे गए हैं। इनमें तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली और गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी शामिल हैं।
कहा जा रहा है कि कॉलेजियम ने बार से सीधी नियुक्ति के लिए वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा को भी चयनित किया है।