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न्यायमूर्ति काटजू ने अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने कथित रूप से असंयमित भाषा का इस्तेमाल करने और न्यायपालिका को बदनाम करने के मामले में अपने खिलाफ अवमानना मामले की शीघ्र सुनवाई के लिये आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
न्यायमूर्ति काटजू ने अवमानना मामले में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने न्यायमूर्ति काटजू की ओर से इस मामले में शीघ्र सुनवाई के लिये इसका उल्लेख करते हुये कहा कि शीतकालीन अवकाश से पहले इसे सूचीबद्ध किया जाये।

इस पर पीठ  ने कहा, आप उचित तरीके से अर्जी दायर कीजिये और हम उस पर गौर करेंगे। धवन ने कहा कि वह पहले ही अर्जी दायर कर  चुके हैं।

शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को एक ब्लाग में न्यायमूर्ति काटजू के बयान का संग्यान लेने के बाद उन्हें अवमानना का नोटिस जारी करते हुये कहा था कि यह न्यायाधीशों पर गंभीर हमला है, फैसले पर नहीं।

न्यायमूर्ति काटजू शीर्ष अदालत के 17 अक्तूबर के आग्रह पर न्यायालय में पेश हुये थे। न्यायालय ने सौम्या बलात्कार मामले में दोषी के फांसी के फंदे से बचने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले की फेसबुक पर आलोचना किये जाने पर बहस का अनुरोध किया था। इस मामले में दोषी को न्यायालय ने हत्या के आरोप से बरी कर दिया था।

न्यायालय ने काटजू से कहा था कि वह उपस्थित होकर बताये कि इस मामले में मूल खामियां क्यां थीं। दोषी को हत्या के आरोप से बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली केरल सरकार और सौम्या की मां की पुनर्विचार याचिका खारिज करने के बाद पीठ ने अवमानना का मामला लिया।

न्यायमूर्ति काटजू ने इस तरह से अवमानना नोटिस जारी किये जाने पर विरोध प्रकट करते हुये कहा कि न्यायाधीश उन्हें धमकी दे रहे हैं और शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश के साथ इस तरह का आचरण ठीक नहीं है।

न्यायमूर्ति काटजू को बुलाया गया था क्योंकि उन्होंने अपने ब्लाग में दावा किया था कि हत्याकांड के मामले में अभियुक्त को बरी करने के फैसले में गंभीर त्रुटि है और उनसे पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ की मदद का अनुरोध किया गया था।

भाषा

Justice Katju moves SC for early hearing of contempt case

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