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न्यायमूर्ति खेहर ने ली प्रधान न्यायाधीश की शपथ

न्यायाधीशों की नियुक्ति से जुड़े विवादित राष्टीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को निरस्त करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ का नेतृत्व कर चुके न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर ने आज भारत के 44वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की।
न्यायमूर्ति खेहर ने ली प्रधान न्यायाधीश की शपथ

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने न्यायमूर्ति खेहर को राष्टपति भवन के दरबार हॉल में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। खेहड़ ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की। इस अवसर पर विपक्ष की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही।

 

पिछले माह तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश यानी न्यायमूर्ति खेहर को अपने बाद इस पद पर नियुक्त किए जाने की सिफारिश की थी। न्यायमूर्ति खेहर का कार्यकाल सात माह से कुछ अधिक होगा। वह 27 अगस्त तक इस पद पर रहेंगे। खेहर (64) सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले प्रथम प्रधान न्यायाधीश होंगे।

न्यायमूर्ति ठाकुर कल प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हो गए थे। एनजेएसी मामले में पीठ की अध्यक्षता करने के अलावा न्यायमूर्ति खेहर उस पीठ की भी अध्यक्षता कर चुके हैं, जिसने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को खारिज कर दिया था।

न्यायमूर्ति खेहर उस पीठ के भी सदस्य थे, जिसने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय की दो कंपनियों में लोगों द्वारा निवेश किए गए धन की वापसी से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान रॉय को जेल भेज दिया था। वह नियमित कर्मचारियों जैसे कर्तव्यों का निवर्हन करने वाले दिहाड़ी मजदूरों, अस्थायी एवं अनुबंध कर्मचारियों के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत की पैरोकारी करने वाला अहम फैसला सुनाने वाली पीठ के भी अध्यक्ष रहे हैं। (एजेंसी)

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