राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार को चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता में बदलाव के प्रस्ताव पर चुनाव आयोग पर तंज कसा है। सिब्बल ने चुनाव आया पर कटाक्ष करते हुए कहा, “राजनीतिक दलों को अपने चुनावी वादों की फाइनेंसियल वायबिलिटी के बारे में मतदाताओं को प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए कहना, कहीं चुनाव प्रहरी को खुद एक आदर्श आचार संहिता की जरूरत तो नही है।”
उन्होंने ट्वीट कर चुनाव आयोग पर तंज कसते हुए कहा, "शायद चुनाव आयोग को ही एक आदर्श आचार संहिता की ज़रूरत है।"
चुनाव आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य दलों को लिखे एक पत्र में कहा है कि चुनावी वादों के दूरगामी प्रभाव होते हैं, इसके प्रभाव को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। चुनावी वादों के अपर्याप्त खुलासे से वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव पड़ता है। आयोग ने सभी पार्टियों से 19 अक्टूबर तक प्रस्तावों पर अपने विचार प्रस्तुत करने को कहा है।