कांग्रेस से निलंबित विधायक रोशन बेग को बेंगलूरू एयरपोर्ट पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें एक चार्टर्ड विमान में जाने से रोका गया।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रविकांत गौड़ा ने सोमवार देर रात यहां एक बयान में कहा कि बेग जब एक निजी विमान से बेंगलूरू से एक अपुष्ट गंतव्य के लिए रवाना होने वाले थे तब केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (केआईए) में पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया।
आठ बार के विधायक और पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे, बेग ने 10 जुलाई को शहर के केंद्र में शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया था।
गौड़ा ने कहा, "हम यह सत्यापित करेंगे कि बेग के बेंगलूरू छोड़ने की योजना का हाल ही में पोंजी स्कीम के प्रमुख आरोपी मंसूर अली खान द्वारा यूट्यूब में वीडियो जारी करने से कोई लेना-देना है या नहीं।"
गौड़ा पोंजी योजना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख हैं जिसमें लगभग हजारों निवेशकों को कथित रूप से धोखा दिया गया था।
कांग्रेस ने किया था निलंबित
कांग्रेस ने 19 जून को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बेग को निलंबित कर दिया था, जिसमें हाल के लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी के राज्य नेताओं की आलोचना भी शामिल थी।
एचडी कुमारस्वामी ने साधा निशाना
इस मामले में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि आईएमए केस में रोशन बेग को उस वक्त पकड़ा गया जब बीएस येदियुरप्पा के पीए संतोष के साथ चार्टर्ड फ्लाइट लेकर मुंबई जाने वाले थे। मुझे बताया गया कि एसआईटी को देखकर संतोष भाग गए और रोशन बेग को पकड़ा गया। बीजेपी एमएलए योगेश्वर भी उस वक्त वहां मौजूद थे। यह शर्मनाक है कि आईएमए केस में जांच का सामना कर रहे पूर्व मंत्री को भगाने में कर्नाटक बीजेपी मदद कर रही थी। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि बीजेपी हॉर्स ट्रेडिंग के द्वारा सरकार को अस्थिर करने की साजिश में शामिल है।
भाजपा ने किया पलटवार
मुख्यमंत्री के आरोप का खंडन करते हुए, भाजपा की राज्य इकाई ने ट्वीट किया, "सीएम एचडी कुमारस्वामी अपनी सरकार को बचाने के लिए अब राज्य मशीनरी का उपयोग कर रहे हैं। एसआईटी के सामने पेश होने के लिए बेग को 19 जुलाई तक का समय दिया गया। इससे पता चलता है कि राज्य सरकार किस तरह से ब्लैकमेलिंग कर रही है।"
बागी विधायकों में से एक हैं बेग जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख
बेग उन 5 बागी विधायकों में से एक हैं जिन्होंने इस्तीफे स्वीकार करने से विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार के इनकार के खिलाफ शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को 18 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। सत्तारूढ़ जनता दल-(सेकुलर) और कांग्रेस पार्टी की गठबंधन सरकार के 16 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, इसलिए सरकार पर संकट के गंभीर बादल मंडरा रहे हैं। विश्वासमत को लेकर बेंगलूरू में कांग्रेस और जेडीएस के नेता जद्दोजहद कर रहे हैं।