डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयरलाइंस से कहा है कि फ्लाइट्स की बीच वाली सीट को खाली रखा जाए। साथ ही डीजीसीए ने यह भी कहा है कि यदि यात्रियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से बीच की सीट को आवंटित किया जाता है तो एयरलाइंस उन यात्रियों को थ्री लेयर वाला फेस मास्क के अलावा अनुमोदित सुरक्षा उपकरण, फेस शील्ड आदि उपलब्ध कराए जाएंगे।
25 मई से देशभर में घरेलू उड़ान सेवा को फिर से बहाल किया गया है। इसमें कोरोना वायरस की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। इस वजह से फ्लाइट्स के बीच वाली सीट की बुकिंग पर सवाल उठ रहे थे।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एयर इंडिया को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बीच की सीटें खाली रखने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने एयर इंडिया को डीजीसीए के महानिदेशक के 'सोशल डिस्टेंसिंग' सर्कुलर का पालन करने के लिए कहा था, जिसके लिए बीच की सीटों को इंटरनेशनल फ्लाइट्स के दौरान खाली रखना अनिवार्य कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने भी जमकर लगाई थी फटकार
बीते दिनों एयर इंडिया के विमानों में बीच वाली सीट की बुकिंग न रोकने की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि आपको केवल एयरलाइंस की चिंता है, पर हमें देश की चिंता है। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि सरकार को देश के लोगों की सेहत की चिंता होनी चाहिए, न कि एयरलाइंस की। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।