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खतौली रेल हादसा: घायल साघु-संतो की मदद को आगे आये मुस्लिम

घायल संत भगवान दास कहते हैं इस इलाके के मुस्लिम अगर वक्त पर घटनास्थल न पहुंचते और बोगी से खींचकर उन्हें बाहर न निकालते तो आज वे जिंदा नहीं रहते।
खतौली रेल हादसा: घायल साघु-संतो की मदद को आगे आये मुस्लिम

एक तरफ जहां हिंदु-मुस्लिम को बांटने की राजनीति तेज है। वहीं मुजफ्फरनगर ट्रेन हादसे में मुस्लिमों ने नफरत की सियासत को मानवता के सामने बौना कर दिया है। हादसे के दौरान प्रशासनिक मदद तो घंटो बाद पहुंची लेकिन स्थानीय लोग हरसंभव मदद के लिए जुटे रहे।

मुजफ्फरनगर का खतौली मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। उत्कल कलिंग एक्सप्रेस में देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु सवार थे जो हरिद्वार जा रहे थे। लेकिन खतौली के पास बड़ा हादसा हो गया। दुर्घटना के बाद स्थानीय मुस्लिम ही सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों की सहायता की।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, घायल संत भगवान दास कहते हैं इस इलाके के मुस्लिम अगर वक्त पर घटनास्थल न पहुंचते और बोगी से खींचकर उन्हें बाहर न निकालते तो आज वे जिंदा नहीं रहते। उन्होंने कहा, "वे हमारे लिए पानी, खाट और एक निजी चिकित्सक की व्यवस्था किए। हम उनको कभी नहीं भूलेंगे।"

वहीं एक और संत मोरी दास ने कहा, "हम भगवान पर विश्वास करते हैं और हम दुर्घटना के तुरंत बाद उसकी शक्ति को देख चुके हैं। कई बार ऐसे होते हैं जब लोग हिंदू-मुस्लिम संबंधों का राजनीतिकरण करते हैं, लेकिन दोनों समुदायों के बीच हमेशा प्यार रहा है"।

 

 

 

 

 

 

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