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किसान आंदोलन: गृह मंत्री और किसान नेताओं की बातचीत बेनतीजा, मोदी सरकार का कृषि क़ानून वापस लेने से इनकार

बुधवार को होने वाली छठे दौर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले आठ दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आवाहन किया...
किसान आंदोलन: गृह मंत्री और किसान नेताओं की बातचीत बेनतीजा, मोदी सरकार का कृषि क़ानून वापस लेने से इनकार

बुधवार को होने वाली छठे दौर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले आठ दिसंबर को किसानों ने भारत बंद का आवाहन किया था। इस बीच चक्का जाम के तुरंत बाद अमित शाह और किसान नेताओं के साथ शाम करीब आठ बजे बैठक हुई। गृह मंत्री के साथ किसान नेताओं की ये पहली बैठक थी। लेकिन इसमें भी कुछ नतीजा नहीं निकला। बैठक के बाद किसान नेता हन्ना मोल्लाह ने कहा कि सरकार ने कानून वापस लेने से इनकार कर दिया है। अब बुधवार को मोदी सरकार ने कैबिनेट की भी मीटिंग होने वाली वार्ता से ठीक पहले बुलाई है। सूत्रों ने कहा कि बैठक में 13 किसान नेताओं शामिल हुए। किसानों का आज प्रदर्शन का तेरहवां दिन था। वो लगातार नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 

किसान इसे वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के हन्नान मोल्लाह और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राकेश टिकैत शामिल थे। बैठक को लेकर कुछ किसान नेताओं का कहना था कि उन्हें उम्मीद थी कि बैठक अमित शाह के आवास पर होगी, लेकिन इसे राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में रखा गया।

पंजाब, हरियाणा समेत देश के अलग-अलग राज्यों के किसान मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली चलो नारो के साथ किसान तेरह दिनों से राजधानी में डटे हुए हैं। सिंधु बॉर्डर पर किसानों का डेरा है। अब तक केंद्र और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन ये सभी वार्ता बेनतीजा रहा। नौ दिसंबर को छठे दौर को बैठक तय है। किसान संगठन इसे वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।

भारत बंद के दौरान कई जगहों से झड़प की भी खबरें आई। राजस्थान के जयपुर में एनएसयूआई और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता प्रदर्शन के दौरान आपस में हीं उलझ गएं। नए कृषि कानूनों का विरोध जताने आये भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) कार्यकर्ताओं की भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गई।

इस बीच राजनीतिक पार्टियां भी आपस में वार-पलटवार कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता वो राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, "बंद में भी सरकार के इशारे पर अराजकता की हद देखिए, कांग्रेस पार्टी के गुंडे भाजपा के दफ़्तर पर पथराव करते हैं। क्या इस तरह के अराजक तत्वों के जरिए अशोक गहलोत प्रदेश में अशांति का माहौल पैदा करना चाहते हैं?"

 

 

 

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