लोकसभा चुनाव से पहले देश के अलग-अलग जगहों में आयकर विभाग छापेमारी में लगा हुआ है। इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के घर पर आयकर विभाग ने छापा मारा है। कक्कड़ के इंदौर स्थित घर में छापेमार कार्रवाई की गई है। आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बाद कक्कड़ सुर्खियों में आ गए हैं।
आइए, जानते हैं प्रवीण कक्कड़ के बारे में, वे कैसे पुलिस की नौकरी से लेकर सीएम कमलनाथ के ओएसडी तक पहुंचे।
पूर्व पुलिस अधिकारी कक्कड़ अपनी कार्यकुशलता के लिए पहचाने जाते हैं। कक्कड़ को सराहनीय सेवाओं हेतु राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है। जीवाजी विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र विषय में एमए गोल्ड मेडलिस्ट कक्कड़ कई सामाजिक संगठनों के माध्यम से भी सेवाकार्यों में भी योगदान देते हैं।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही भूपेंद्र गुप्ता ओएसडी बने थे जिन्हें हटाकर हाल ही में प्रवीण कक्कड़ को ओएसडी बनाया गया।
झाबुआ के सांसद और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया का करीबी माना जाता है। 2004 से 2011 तक केन्द्रीय मंत्री रहे कांतिलाल भूरिया के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के रूप में भी उन्होंने काम किया है। उन्हें केंद्रीय कृषि, उपभोक्ता मामलों एवं आदिवासी मामलों के मंत्रालय में कार्य करने का काफी अनुभव है।
चुनाव प्रबंधन में अहम रोल
माना जाता है कि साल 2011 में कांतिलाल भूरिया के मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद प्रवीण कक्कड़ ने प्रदेश कांग्रेस के चुनाव प्रबंधन एवं अन्य कार्यों को बखूबी निभाया। चुनाव प्रबंधन में उनकी कार्यकुशलता की वजह से ही साल 2015 में कांग्रेस ने झाबुआ लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने विजय हासिल की। जबकि मोदी लहर के दौर में उस सीट को निकालना कठिन था।
दूसरी ओर विधानसभा चुनाव 2018 में ऐसे तो सभी राजनीतिक दलों ने एक से बढ़कर एक चक्रव्यूह की रचना की, तरह-तरह की रणनीति बनाई, तरह-तरह के पैंतरे आजमाये परन्तु जीत लगी कांग्रेस के हाथ जिसके रणनीतिकार और वार रूम प्रभारी प्रवीण कक्कड थे। कांग्रेस ने पहली बार मीडिया, सोशल मीडिया, डाटा और लीगल का एक संयुक्त वाररूम बनाया जिसमें तमाम चुनावी रणनीति, योजना और फिर उन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का दायित्व पूर्व पुलिस अधिकारी प्रवीण कक्कड ने निभाया। प्रवीण कक्कड की पैंतरेबाजी से कांग्रेस को पूरा लाभ मिला और कांग्रेस मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में सफल हो सकी।
कांतिलाल से कमलनाथ के हुए कक्कड़
कक्कड़, कांतिलाल भूरिया के काफी करीबी माने जाते हैं। इसके बाद वे कमलनाथ के भी नजदीकी हो गए। प्रवीण कक्कड़ की चुनावी रणनीति और प्रबंधन की समझ के मद्देनजर कमलनाथ ने कक्कड़ को अपना निजी सचिव बना लिया। वे 2018 में कांग्रेस की चुनाव प्रबंधन समिति में शामिल किए गए थे और वे मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान वे कांग्रेस के वॉर रूम के प्रभारी थे। दिसंबर 2018 में वह कमलनाथ के निजी सचिव बने।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    