भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और अब मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लालकृष्ण आडवाणी के 90वें जन्मदिन पर उनके घर की गहमागहमी मात्र आवाजाही बन कर रह गई। किसी जमाने में लोगों का तांता बंधा रहता था। लेकिन आज उनके जन्मदिन पर उनकी पार्टी के कुछ नेताओं, मंत्री और कार्यकर्ताओं के अलावा बहुत कम लोग जुटे।
प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह ही ट्वीट पर आडवाणी को बधाई दे दी थी। संभव है देर रात तक मोदी खुद आडवाणी से मिलने पहुंचे। दिन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा अरुण जेटली, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और वेंकैया नायडू बधाई देने पहुंचे थे।
लेकिन सबसे मारक ट्वीट आरजेडी के लालू यादव ने किया है। लालू ने ट्वीट किया,
‘आडवाणीजी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, अगर कोई शिष्य बागी हो जाए तो इसकी चिंता मत कीजिए। भगवान आपके आगे का जीवन प्रसन्नतापूर्ण, स्वस्थ, लंबी और सफल बनाएं।’ लालू ने बधाई के साथ-साथ जता दिया कि मोदी तानाशाह हैं और उन्होंने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को दरकिनार कर रखा है। नब्बे के दशक में भारतीय जनता पार्टी में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी प्रमुख चेहरों में से एक थे। इन्हीं की बदौलत भाजपा की केंद्र में सरकार थी। मगर 2014 में लोकसभा चुनाव भारी मतों से जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने कई प्रमुख चेहरों के साथ लालकृष्ण आडवाणी को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया था।