अदालत का रवैया सख्त हुआ तो केली बंगला और पेईंग वार्ड के बाद लालू प्रसाद का अगला ठिकाना बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा हो सकता है। सीबीआइ ने भी लालू प्रसाद को स्वस्थ बताते हुए अदालत से उन्हें वापस जेल भेजने का आग्रह किया है। लालू प्रसाद जहां भी रहते हैं विवादों में रहते हैं। जेल मैनुअल के उल्लंघन से लेकर जेल से टिकट बांटने और फोन से राजनीति चलाने को लेकर विवादों में रहे। सीबीआइ ने अपने आग्रह में इसका भी उल्लेख किया है।
दो साल तीन माह से अधिक से रिम्स है ठिकाना
पशुपालन घोटाला में सजायाफ्ता आरजेडी चीफ लालू प्रसाद कैदी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची के हैं मगर बीमारी के नाम पर पिछले दो साल साढ़े तीन माह से रिम्स ( राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान), रांची में भर्ती हैं। 2018 के 29 अगस्त वे रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में एडमिट किए गये। उसके पहले एम्स, नई दिल्ली में थे। रिम्स आने के तत्काल बाद 5 सितंबर को रिम्स के पेईंग वार्ड में भर्ती किया गया। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इसी साल पांच अगस्त को उन्हें रिम्स निदेशक के खाली पड़े तीन एकड़ के बंगले में शिफ्ट किया गया।
एक कमरे का हजार रुपये, तीन एकड़ के बंगले का जीरो किराया
रिम्स निदेशक के आ जाने के बाद भी लालू प्रसाद निदेशक के बंगले पर काबिज रहे। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के चुनाव के पहले यहीं से बिहार के भाजपा विधायक ललन पासवान को फोन से प्रलोभन के वायरल ऑडियो के तूल पकड़ने के बाद आनन-फानन में उन्हें निदेशक के बंगला से वापस रिम्स के पेईंग वार्ड में शिफ्ट किया गया। कोरोना काल में बिहार चुनाव के ठीक पहले पांच सितंबर को लालू प्रसाद रिम्स निदेशक के बंगले में आये थे और फोन विवाद के बाद 26 नवंबर को वापस पेईंग वार्ड में शिफ्ट किये गये। पेईंग वार्ड में 12 गुणा 12 के कमरे का रोजाना एक हजार रुपये की दर से किराया अदा करना पड़ता था जबकि तीन एकड़ के बंगले में ढाई माह से अधिक रहने के बावजूद किराया शून्य रहा। मीडिया में खबरें आती रहीं कि रिम्स निदेशक के केली बंगला से ही बिहार चुनाव की पटकथा लिखते रहे, टिकट फाइनल करते रहे। उस दौरान टिकट पाने वालों की केली बंगले के पास भीड़ लगी रहती थी। उनके सेवादार इसमें बड़ी भूमिका अदा करते थे। ललन पासवान को फोन का मामला सतह पर आते ही इनका सेवादार भी गायब हो गया।
इधर गुरूवार को सीबीआइ की ओर से हाई कोर्ट में पूरक शपथ पत्र दाखिल किया गया जिसमें बताया गया कि लालू प्रसाद की तबीयत स्थिर है, ठीक है। वे जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान भी सीबीआइ ने फोन कॉल प्रकरण को उठाया था। ऐसे में उन्हें रिम्स से वापस बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया जाये। सीबीआइ की इस पहल के बाद यह चर्चा शुरू है कि केली बंगला और पेईंग वार्ड से होते हुए लालू का अगला ठिकाना बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होगा क्या। संभव है अगली सुनवाई में लालू प्रसाद को जमानत मिल जाये और वे जेल से बाहर हों।