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केरल विधानसभा में वाम दलों का हंगामा

केरल विधानसभा में शुक्रवार 13 मार्च को राज्य के वित्त मंत्री के. एम. मणि राज्य का बजट पेश करने में तो सफल रहे लेकिन सदन में जबरदस्त हंगामे के बीच माकपा नीत विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष का आसन फेंक दिया और वाच एंड वार्ड स्टाफ के साथ हाथापाई की।
केरल विधानसभा में वाम दलों का हंगामा

दूसरी ओर विपक्ष के हजारों कार्यकर्ता विधानसभा के बाहर पुलिस से जूझते रहे। ये कार्यकर्ता मणि को पद से हटाने की मांग कर रहे थे। विपक्ष ने मणि पर राज्य के शराब माफिया से करोड़ों रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है और इसलिए उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन जोरों पर है। मणि के खिलाफ सदन के बाहर हो रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया। आक्रोशित एलडीएफ और युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं। वहीं, खफा भीड़ ने शहर में पुलिस की एक जीप में आग लगा दी।

शुक्रवार को तमाम विरोध के बीच मणि अपने बजट भाषण का एक अंश ही पढ़ पाए वह भी तब जब सत्तारूढ़ यूडीएफ सदस्यों और वाच एंड वार्ड स्टाफ ने उनके पास एक घेरा बना लिया जिससे विपक्षी उन तक पहुंच नहीं पाए। विरोध में विपक्षी सदस्य सदन के अंदर ही धरने पर बैठ गए। इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है और राज्य की राजनीति पर इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है। मणि पर एक शराब कारोबारी बिजू रमेश ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है।

सत्र की शुरूआत के साथ ही हंगामा होने लगा। एलडीएफ सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के साथ ही सदन के सभी द्वारों को अवरूद्ध कर दिया। बजट पेश होने का समय जैसे-जैसे करीब आता जा रहा था एलडीएफ के कुछ सदस्य सदन में बैठ गए और इन्कलाब जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। वाच एंड वार्ड स्टाफ ने जब उन्हें सदन से निकालने की कोशिश की तो हाथापाई शुरू हो गई।

स्थिति तब बिगड़ गई जब आसन के पास एलडीएफ सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों के बीच भिडंत हो गई। के कुंज अहमद, ई पी जयराजन, जेम्स मैथ्यू, टी वी राजेश और वी शिवनकुट्टी ने अध्यक्ष के आसन को फेंक डाला और स्पीकर, कंप्यूटर और लाइट तोड़ डाले। हंगामे के बीच कुछ सदस्य आसन के सामने मेज पर चढ़ गए और सत्तारूढ़ मोर्चे को ललकारा। सत्तारूढ़ खेमे ने मणि को बजट पेश करने में सहूलियत के लिए घेरा तैयार किया था। इसी शोर शराबे के बीच बगल के दरवाजे से सदन में नाटकीय तौर पर मणि का तब प्रवेश हुआ जब एलडीएफ सदस्य अध्यक्ष के आसन के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मियों से उलझे हुए थे। एलडीएफ ने अध्यक्ष एन संकटन को सदन में घुसने से रोकने की रणनीति तैयार की थी जिससे कि बजट पेश नहीं किया जा सके।

जैसे ही मणि सदन में पहुंचे एलडीएफ सदस्यों की नजर उनपर पड़ी और उनमें से कुछ उनकी ओर लपके। लेकिन, सदन के भीतर सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी से उनकी यह कोशिश नाकाम हो गई। मणि जब बजट पढ़ने लगे तो बिजुमोल (भाकपा) और के लतिका (माकपा) सहित कुछ महिला सांसद मेज पर चढ़ गयीं और सुरक्षा गार्डों के घेरे को तोड़ने की कोशिश की। मणि ने 10 मिनट में ही बजट का कुछ हिस्सा पढ़ डाला। इस बीच यूडीएफ सदस्यों ने वित्त मंत्री के समर्थन में नारे लगाए और उनमें से कुछ ने मिठाइयां बांटी। मुख्यमंत्री ओमन चांडी और उनके कैबिनेट सदस्य बजट पेश किए जाने के समय सुबह नौ बजे से पहले ही विधानसभा में पहुंच गए थे।

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