संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के खिलाफ जेएनयू में हुए आयोजन तथा कथित रूप से देश-विरोधी नारे लगाए जाने के विवाद के बाद विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने छात्रों को राष्ट्रवाद के विषय पर प्रशिक्षण के लिए खुले में व्याख्यान की श्रृंखला आयोजित करने का फैसला किया था। जेएनयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अजय पटनायक ने कहा, अब यह महीने भर चली राष्ट्रवाद संबंधी व्याख्यान श्रृंखला समाप्त हो चुकी है और देशद्रोह के मामले में जेल में रहे हमारे तीन कॉमरेड परिसर में वापस आ चुके हैं, इसलिए हम दूसरी व्याख्यान श्रृंखला शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा, श्रृंखला का शीर्षक आजादी: डिफरेंट मीनिंग्स ऑफ फ्रीडम होगा जो 21 मार्च से शुरू हो रही है। पहला व्याख्यान पार्थ चटर्जी देंगे। इससे पहले राष्ट्रवाद के विषय पर आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में वाम विचारधारा से संबंधित रोमिला थापर, हरबंस मुखिया, तनिका सरकार, जयती घोष, प्रभात पटनायक, अमित सेनगुप्ता, मृदुला मुखर्जी, मकरंद परांजपे और अपूर्वानंद आदि शिक्षाविदों ने भाग लिया और प्रशासनिक ब्लॉक में अपने संबोधन दिए जो 12 फरवरी को कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के बाद से छात्रों के विरोध प्रदर्शन का बिंदु रहा।
व्याख्यानों के कुछ प्रमुख विषयों में राष्ट्रनिर्माण का दलित और हिंदुत्व एजेंडा, फासीवाद की राजनीतिक संस्कृति, देशद्रोह और राष्ट्रवाद, असैन्य युद्ध (टैगोर, गांधी, जेएनयू और राष्टवाद) तब और अब आदि रहे।