लॉकडाउन के दौरान बंद दुकान हड़पकर बेच दिये जाने व पुलिस के कोई कार्रवाई न करने से आहत एक व्यापारी ने आज पत्नी व दो बच्चों के साथ पुलिस आयुक्त कार्यालय में खुदकुशी की कोशिश की।
सीआरपीएफ कालोनी निवासी सतिंदरपाल सिंह ने पत्रकारों को अपनी व्यथा सुनाते हुए खुद पर और बीवी-बच्चों पर पेट्रोल डाल दिया था और आग लगाने जा रहा था कि पत्रकारों में से ही किसी ने माचिस छीन ली। मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन पर पानी डाला गया और पुलिस आयुक्त के कमरे में ले जाया गया।
सिंह के अनुसार काली सड़क पर उनकी भाटिया ऑटो पार्ट्स नाम से दुकान है। पिछले साल 22 मार्च को कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया तो उनकी दुकान बंद हो गई थी। इस दौरान वह कुछ और काम करने लगे हालांकि बीच-बीच में वह दुकान पर जाते थे और सफाई आदि कर लेते थे। आखिरी बार 28 जनवरी को गये थे और 28 मार्च को उन्हें भाई का फोन आया कि दुकान कोई पेंट करवा रहा है। पड़ोसी खोके वाले ने बताया कि दुकान किराए पर दे दी गई है। बाद में उन्हें पता चला कि दुकान विक्की नामक किसी आदमी को बेच दी गई है।
सिंह ने थाना बस्ती जोधेवाल में एसआई जसविंदर सिंह को शिकायत दी। अगले दिन जांच के बाद उनके बयान हुए पर उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसीपी से बात की गई तो उन्होंने जांच के बाद थाना प्रभारी गोल्डी वीर्दि को जांच के आदेश जारी कर दिए। उसके बाद कुछ अकाली नेता बीच बचाव के लिए आ गए। कोई कार्रवाई नहीं हुई और उन पर समझौता करने का दबाव डाला जाने लगा।
सिंह का आरोप है कि थाना प्रभारी ने उनके साथ बदजुबानी भी की। उन्होंने पुलिस आयुक्त से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।