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पर्यावरण प्रेम पर भारी अंग्रेजी जुमलों का प्रेम

पर्यावरण दिवस पर पेड़ लगाने के अभियान की घोषणा की केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने, अब असल जंगल की फिक्र के बजाय शहर में जंगल उगाने पर देंगे ध्यान
पर्यावरण प्रेम पर भारी अंग्रेजी जुमलों का प्रेम

सेवन विलियन डी्म्स, वन प्लेनेट, कनज्यूम विद केयर। इस बैनर के साथ आज केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों की घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर प्रकाश जावेडकर अपने हिंदी प्रेम, हिंदी पर जोर देने के लिए मीडिया में खासी तवज्जो पाते रहे है, लेकिन आज इस कार्यक्रम में पूरे नारे का जस का तस अंग्रेजी में भाषा में रोमन में लिखा हुआ था और वह भी गलत।

कार्यक्रम की शुरुआत में ही इस पर पत्रकारों ने इस पर मंत्री का ध्यान दिलाया तो उन्होंने कहा इसमें से कुछ तो हिंदी की ही जा सकती थी, जैसे ड्रीम्स को सपने लिखा जा सकता था। असल बात को वह बाद में समझ पाए।

आज प्रकाश जावेडकर ने घोषणा की कि 5जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी पेड़ लगाएंगे। साथ ही इस दिन को दिन सहित दूसरे महानगरों में क्रिकेट और बाकी खेलों के सलिब्रेटी खिलाड़ियों के साथ पेड़ लगाओ अभियान शुरू किया जाएगा। प्रधानमंत्री दिल्ली में क्रिकेटर विराट कोहली और पहलवान सुशील कुमार को पौधे दे कर आम लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करने की कोशिश करेंगे।

केंद्र सरकार को पर्यावरण दिवस पर असल जंगल से ज्यादा शहरों में जंगल उगाने की चिंता है। इसी चिंता के तहत मंत्री ने शहरों में वन विभाग की जमीन पर (जो कितनी है और कितने शहरों में है, इसका सरकार को पता नहीं है) जंगल लगाने की योजना की शुरुआत करनी की घोषणा की। इससे शहरों में कार्बन सिंक तैयार होंगे। उन्होंने बताया कि इसके तहत पूना में चार हजार पेड़ लगाए जाएंगे। देश के करीब 199 नगर कॉरपोरेशन हैं, जहां से यह शुरू किया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि इसके लिए कितनी राशि आवंटित की गई है, तो उन्होंने कहा कि उनके पास अभी इसकी ब्लूप्रिंट नहीं है।

इसके साथ ही स्मृति वन लगाने की भी योजना है। प्रकाश जावेडकर नेबताया कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पेड़ लगाओ, हरियाली लाओ अभियान से जोड़ना है। स्कूली बच्चों और कॉलेज जाने वाले विद्यर्थियों को भी -ग्रीन मिशन इंडिया- से जोड़ने की बात कही। इन तमाम घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, अभी इन पर काम शुरू होना है, कहां कितनी जमीन है और वहां क्या लगाया जा सकता है, ये सब पड़ताल होनी बाकी है। 

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