पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने और मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की है। केंद्र में भाजपानीत राजग सरकार द्वारा इसी तरह के प्रस्ताव को मंजूरी देने के छह महीने के बाद यह फैसला हुआ है।
मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सरकार ने नौकरियों और शिक्षा क्षेत्र में सामान्य श्रेणी के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं। पश्चिम बंगाल में मंगलवार को विधान सभा में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
जल्द जारी होंगे सरकारी आदेश: पार्थ चटर्जी
संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक फैसला है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके से जुड़े होने को परिभाषित करने के लिए कई कारक हैं। जल्द जारी होने वाले सरकारी आदेश में इन विवरणों का उल्लेख किया जाएगा। ’’कैबिनेट बैठक के बाद संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि इसके बारे में योग्यता की घोषणा बाद में की जाएगी लेकिन अन्य आरक्षण के दायरे में आने वाले इस आरक्षण के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे।
मध्य प्रदेश में आदेश जारी
इसी तरह, मध्य प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने भी नौकरियों और शिक्षा में सामान्य वर्ग के तहत ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के आदेश जारी किए।
इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों के प्रमुखों, जिला कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मंगलवार को निर्देश जारी किए गए हैं।
10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ केवल उन्हीं ईडब्ल्यूएस को प्रदान किया जाएगा जो अन्य पिछड़े वर्गों को दिए गए आरक्षण के दायरे में नहीं आते हैं।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के निर्देशानुसार, जिन आरक्षण संस्थानों ने इस वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली है उनके लिए अब आरक्षण अगले शैक्षणिक सत्र से प्रभावी होगा।
इन्हें मिलेगा लाभ
आरक्षण का लाभ उन ईडब्ल्यूएस को मिलेगा जिनके परिवार की कुल वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं है। आरक्षण की मांग करने वाले परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि या नगर निगम की सीमा में 1200 वर्ग फुट से अधिक का घर नहीं होना चाहिए। आदेश में आगे कहा गया है कि घर के लिए आकार की सीमा नगर पालिका क्षेत्रों में 1500 वर्ग फुट और नगर पंचायत क्षेत्रों में 1800 वर्ग फुट होनी चाहिए।
केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में सामान्य वर्ग में ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी कोटा पेश किया था।
एजेंसी इनपुट