भोपाल में सरकार द्वारा संचालित कमला नेहरू चिल्ड्रन हॉस्पिटल में सोमवार रात आग लगने से यह भर्ती चार बच्चों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि आग अस्पताल की तीसरी मंजिल के एक वार्ड में लगी, जहां आईसीयू है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, "हम तीन बच्चों को बचाने में असमर्थ हैं जो पहले से ही आग की घटना में गंभीर रूप से बीमार थे, जो बहुत दर्दनाक है। बचाव अभियान तेज है और आग अब नियंत्रण में है लेकिन दुर्भाग्य से तीन बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी।" बाद में एक और बच्चे की मौत हो गई जिससे मृतकों की संख्या चार पहुंच गई। वहीं 36 बच्चों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया।
उन्होंने कहा, "घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, मोहम्मद सुलेमान द्वारा की जाएगी।"
सोमवार की रात अस्पताल में आग लग गई। लोग अपने बच्चों की तलाश में अस्पताल के बाहर दौड़ते देखे गए।
फतेहगढ़ दमकल थाना प्रभारी जुबेर खान ने बताया कि रात करीब नौ बजे आग लगी और आग बुझाने के लिए दमकल की आठ से 10 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। उन्होंने कहा कि बच्चों के अस्पताल के एक कमरे में धुआं भर गया। खान ने कहा कि शार्ट-सर्किट के कारण आग लगी हो सकती है।
सूचना मिलने के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौके पर पहुंचे।
हंगामे के बीच गुस्साए बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चों को बचाने की बजाय कर्मचारी मौके से फरार हो गए। एक माता-पिता ने कहा कि उन्हें अभी तक अपने बच्चे का पता नहीं चल पाया है। कुछ माता-पिता अपने बच्चों के साथ बाहर भागते देखे गए।
एक महिला, जो पहले भी अस्पताल के अंदर थी उन्होंने बताया कि कमरे के अंदर काफी धुंआ था।
कमला नेहरू चिल्ड्रन हॉस्पिटल हमीदिया अस्पताल का हिस्सा है, जो राज्य की सबसे बड़ी सरकारी चिकित्सा सुविधाओं में से एक है।
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता कमलनाथ ने घटना को "बहुत दर्दनाक" करार देते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भी घटना पर दुख जताया है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना भी की।