Advertisement

बेजवाड़ा विल्सन को मैग्सायसाय अवार्ड

तीन दशकों से मैला प्रथा के खिलाफ अभियान चला रहे बेजवाड़ा विल्सन और संगीत की दुनिया में जाति और वर्ग भेद को तोड़ने वाले टी.एम कृष्णा सहित दुनिया भर से छह लोगों को चुना गया है एशिया के नोबल कहे जाने वाले इस पुरस्कार के लिए
बेजवाड़ा विल्सन को मैग्सायसाय अवार्ड

पिछले 32 सालों से मैला ढोने की प्रथा के उन्मूलन के खिलाफ संघर्ष कर रहे भारत के बेजवाड़ा विल्सन को वर्ष 2016 के रमन मैग्सायसाय पुरस्कार के लिए चुना गया है। बुधवार सुबह फिलीपींस की राजधानी मनीला में रमन मैग्सायसाय अवार्ड फाउंडेशन ने इन पुरस्कारों का ऐलान किया। सफाई कर्मचारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक विल्सन के अलावा भारत के ही कर्नाटक संगीत के जाने-माने युवा गायक टी.एम. कृष्णा भी इस साल के अवार्ड के लिए चुना गया है। यह लगातार दूसरा साल है जब दो-दो भारतीयों को एशिया का नोबेल पुरस्कार माने-जाने वाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रमन मैग्सायसाय की स्मृति में यह पुरस्कार 1958 से हर साल दिया जाता है।

विल्सन व कृष्णा के अलावा इस साल यह पुरस्कार पाने वालों में फिलीपींस की ही कोंचिता कार्पियो-मोरालेज, इंडोनेशिया की संस्था दोम्पेत धुआफा, जापान का संगठन जापान ओवरसीज कॉपरेशन वॉलंटियर्स और लाओस का संगठन वियेनतियान रेस्क्यू शामिल है। ये पुरस्कार मनीला में 31 अगस्त को एक समारोह में दिए जाएंगे।

बेजवाड़ा विल्सन को इंसानी अस्तित्व की सबसे घृणित व बर्बर प्रथाओं में से इस एक के खिलाफ मैला ढोने वालों के बीच से लेकर देश की सर्वोच्च अदालत तक संघर्ष करने के लिए जाना जाता है। कर्नाटक के कोलार गोल्ड फील्ड्स में मैला ढोने वाले सफाई कर्मी परिवार में पैदा हुए विल्सन के जीवन का एकमात्र मकसद देश से मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन रहा है और इसके लिए उन्होंने हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ी है। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad