भारत-अमेरिका सहित के बीच बढ़ती सैन्य करीबी तेजी से ठोस आकार लेती जा रही है। अब फरीदाबाद में महिंद्रा के साथ मिलकर अमेरिकी कंपनी बीएई हाउज्तजर बंदूकें बनाने जा रही है। इसकी घोषणा पहले हो चुकी थी, अभी दोनों ने मिलकर फरीदाबाद में फैक्टरी शुरू करने जा रहे है। इस तरह से केंद्र सरकार द्वारा रक्षा के क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई करने से कई विदेशी कंपनियों ने उत्साह दिखाना शुरू कर दिया है।
इस मामले में अभी सबसे बड़ी मुश्किल यह आने वाली है कि इतने जो सयुक्त उद्यम लगेंगे, उनकी बिक्री की राह क्या होगी। वह सिर्फ और सिर्फ भारत के लिए हथियार बनाने के लिए करोड़ों रुपये लगाने को तैयार नहीं होंगे, यानी वह हथियार बाहर के देशों को भी बेचेंगे। ऐसे में भारत की विदेश नीति किस तरह से प्रभावित होगी, इस पर भी रक्षा और विदेश मामलों के जानकारों को चिंता है।
फरीदाबाद में महिंद्रा और बीएई मिलकर जिन बदूंकों का निर्माण करेंगे, उनका लंबे समय से भारत इंतजार कर रहा था। एफडीआई खोलने के बाद केंद्र की मोदी सरकार इस तैयारी में है कि लंबे समय से जो रक्षा सौदें, सयुक्त उदयम लंबित पड़े हुए हैं, उन्हें तेजी से मूर्त रूप दिया जाए।