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मन की बात: इस बार 26 जनवरी 'कर्तव्‍य' याद रखने के नाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल आखिरी बार आज आकाशवाणी के 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्‍होंने क्रिसमस और नए साल की शुभकामनाएं दीं। दुनिया को आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिंग और आपदाओं से मुक्ति की कामना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव जाति सुख-चैन की जिंदगी पाये, इससे बढ़कर के खुशी क्या हो सकती है|
मन की बात: इस बार 26 जनवरी 'कर्तव्‍य' याद रखने के नाम

इस बार 'मन की बात' में प्रधानमंत्री की खास बातें 

- प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में बुजुर्ग कारीगर दिलीप सिंह मालविया का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे वे गांव में अगर कोई मैटेरियल उपलब्‍ध करता है तो वह शौचालय बनाने की मजदूरी नहीं लेते और इस तरह वह 100 शौचालयों का निर्माण करा चुके हैं। 

 

- 16 जनवरी को भारत सरकार ‘Start-up India, Stand-up India’ योजना का पूरा एक्‍शन प्‍लान लांच करने वाली है। इस कार्यक्रम में देशभर की IITs, IIMs, Central Universities, NITs को भी जोड़ा जाएगा।

 

Start-up का संबंध सिर्फ आईटी प्रोफेशन अौर डिजिटल दुनिया से ही नहीं है। गरीब व्यक्ति कहीं मजदूरी करता है। कोई नौजवान इनोवेशन के द्वारा एक ऐसी चीज़ बना दे कि गरीब को मजदूरी में थोड़ी सुविधा हो जाये तो मैं इसको भी Start-up मानता हूं। मैं बैंक को कहूंगा कि ऐसे नौजवान को मदद करें। 

 

12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर इस साल छत्तीसगढ़ के रायपुर में होने वाले यूथ फेस्‍टीवल के बारे में युवाओं से मांगे सुझाव।  

 

- क्यों न हम विकलांग की जगह पर “दिव्यांग” शब्द का उपयोग करें। परमात्मा ने जिसको शरीर में कोई कमी दी है, हम उसे विकलांग कहते हैं। लेकिन ईश्वर ने उसको कोई अतिरिक्‍त शक्ति दी होती है।

 

- बैंक खातों में गैस सब्सिडी पहुंचाने की योजना को ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दुनिया की सबसे बड़ी ‘Direct Benefit Transfer Scheme’ के तौर पर जगह मिली है। नवम्बर अंत तक करीब 15 करोड़ लोगों के बैंक एकाउंट में सरकारी पैसा सीधे जाने लगा है।

 

- अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से अब तक करीब 40 हजार करोड़ रूपये सीधे ही लाभार्थी के खाते में जाने लगे हैं। 35 से 40 योजनायें अब ‘Direct Benefit Transfer’ के अंदर समाहित की जा रही हैं। 

 

- हमारा संविधान हमें बहुत अधिकार देता है और अधिकारों की चर्चा सहज रूप से होती हैI लेकिन संविधान कर्तव्य पर भी बल देता हैI लेकिन कर्तव्य की चर्चा बहुत कम होती हैI

 

- इस वर्ष जब हम बाबा साहेब अम्बेडकर की 125वी जयंती मना रहे हैं तो क्या हम 26 जनवरी को स्कूल, कॉलेजों, अपने गांव-शहर, भिन्न-भिन्न समितियों और संगठनों में ‘कर्तव्य’ विषय पर निबंध स्पर्द्धा, काव्य स्पर्द्धा, वक्तृत्व स्पर्द्धा कर सकते हैं क्या? अगर सवा सौ करोड़ देशवासी कर्तव्य भाव से एक के बाद एक कदम उठाते चले जाएं तो कितना बड़ा इतिहास बन सकता हैI

 

- 26 जनवरी के पहले ड्यूटी यानी कर्तव्य पर अपनी भाषा में अपनी रचनाएं चाहें कविता हो या निबंध लिखें और ‘My Gov’ पोर्टल पर भेजिएI मैं जानना चाहूंगा कि मेरे देश की युवा पीढ़ी कर्तव्य के संबंध में क्या सोचती हैI 

 

- 26 जनवरी जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, क्या हम नागरिकों के द्वारा, स्कूल-कॉलेज के बालकों के द्वारा हमारे शहर में जितनी भी महापुरुषों की प्रतिमायें हैैं उसकी सफाई, उस परिसर की सफाई, उत्तम से उत्तम स्वच्छता कर सकते हैं क्या? नागरिकों के द्वारा जिन महापुरुषों का प्रतिमाएं लगाने के लिए हम इतने भावुक होते हैं लेकिन बाद में उसको संभालने में हम उतने ही उदासीन होते हैं। इस 26 जनवरी को हम सब मिल के प्रयास करें कि ऐसे महापुरुषों की प्रतिमाओं का सम्मान, वहां सफाई हो। 

 

 

 

 

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