लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री हरिभाई परथीभाई चौधरी ने कहा कि अक्तूबर 2010 से जम्मू कश्मीर लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत नजरबंद अलगाववादी मसर्रत आलम भट को सात मार्च 2015 को रिहा किया गया था। इस संबंध में मंत्रालय द्वारा 12 मार्च 2015 का एक परामर्श पत्र जम्मू कश्मीर राज्य को जारी किया गया था।
जिसमें अन्य बातों के अलावा इस बात का उल्लेख किया गया कि मसर्रत आलम भट के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों पर गहनता से कार्रवाई की जाए और जमानत संबंधी आदेशों की समीक्षा के लिए कदम उठाने के साथ निगरानी सुनिश्चित की जाए। मंत्री ने कहा कि राजद्रोहपूर्ण गतिविधियों में संलिप्तता के लिए मसर्रत आलम के खिलाफ नई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं जिसके मद्देनजर उसे फिर से 17 अप्रैल 2015 को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के राज्य सरकार को यह भी जांच करने की सलाह दी गई है कि क्या मसर्रत आलम भट की हाल की गतिविधियां जमानत शर्तों का उल्लंघन तो नहीं थीं। राज्य सरकार द्वारा भी लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत भट के खिलाफ कार्रवाई आरंभ की गई है।