उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि कृपया परीक्षा आयोजित होने दीजिए। न्यायालय ने छात्रों के वकील से याचिका दायर करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि राज्यों को इस वर्ष अलग से परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में एमबीबीएस और बीडीएस की एक साथ प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया है जबकि महाराष्ट्र सरकार अपनी अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर दृढ़ है।
महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार एनईईटी के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी और कहा कि मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिले के उच्छुक छात्रों को पांच मई को होने जा रही राज्य मेडिकल प्रवेश परीक्षा एमएच-सीईटी में उपस्थित होना चाहिए। तावड़े ने कहा कि एमएच-सीईटी तय कार्यक्रम के मुताबिक होगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। एमएच-सीईटी के लिए तैयारी कर चुके छात्रों को इसमें बैठना चाहिए। राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा एकल साझा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईईटी) के तहत एक मई और 24 जुलाई को होगी। तावड़े ने कहा कि एनईईटी में बैठने वाले छात्र पांच मई की एमएच-सीईटी में भी दाखिल हो सकते हैं।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    