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"एक जानवर के मरने पर नेताओं का शोक संदेश आता, लेकिन 250 किसानों की मौत पर एक शब्द नहीं: सत्यपाल मलिक

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन के बीच मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने...

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर कई महीनों से चल रहे किसान आंदोलन के बीच मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अब अपने ही पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है। दरअसल, मंगलवार को उन्होंने झुंझनूं में मीडिया से बातचीत में कहा कि किसान आंदोलन जितना लम्बा चलेगा, देश का उतना ही नुकसान होगा। इससे भाजपा को भी नुकसान होगा। साथ ही कड़े शब्दों में नेताओं को घेरते हुए उन्होंने कहा कि यहां एक कुतिया मर जाती है तो नेताओं के शोकसंदेश आ जाते हैं, लेकिन आंदोलन में अब तक हमारे 250 से ज्यादा किसान मर गए हैं। किसी के मुंह से एक शब्द तक नहीं निकला। यह हृदयहीनता है। किसान अपना घर बार छोड़कर यहां बैठे हैं।

राज्यपाल मलिक ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि किसान आंदोलन का जल्द ही हल हो जाएगा। सब अपनी-अपनी जगह ठीक है। यह मामला जल्दी खत्म हो सकता है। एमएसपी ही मुद्दा है। जिसे कानूनी कर देंगे तो यह हल हो जाएगा। मलिक ने कहा कि आंदोलन इतना समय नहीं चलना चाहिए। किसान आंदोलन में सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थ बनने के सवाल पर मलिक ने कहा कि वे संवैधानिक पद पर हैं। बिचौलिया नहीं बन सकते। कृषि कानून पर किसान एकजुट हैं।

बता दें, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक डीडवाना से दिल्ली जा रहे थे, तभी वह कुछ देर झुंझुनूं में रूके थे। उन्होंने इस दौरान झुंझुनूं को शहीदों की धरा बताते हुए कहा कि यहां शहीदों के नाम पर सड़कों का निर्माण किया गया है। यह अच्छा है। मैं अपनी हर स्पीच में झुंझुनूं का जिक्र करता हूं। इसका कारण है कि यहां के हर गांव के बाद एक शहीद की प्रतिमा लगी है। इससे ज्यादा शहादत किसी जिले ने नहीं दी है। इसलिए लोगों से कहता हूं कि तीर्थ करने की बजाय झुंझुनूं गांवों आओ। शहीद की पत्नी, मां और बच्चों से मिलने।

मेघालय के राज्यपाल तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में किसानों का समर्थन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कई बार सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी भी रुपवाई है। उनका मानना है कि इस विरोध से बिना जाने समझे ही किसानों का सत्यनाश हो रहा है। इस देश में किसान बुरे हाल में है। देश का किसान जब तक असंतुष्ट रहेगा, तब तक देश सर्वाइव नहीं करेगा।

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