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भगीरथ की गंगा बचाने के लिए मिशन नमामि गंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा की अविरल निर्मलता को लेकर कितने सजग और गंभीर हैं यह उनके गंगा मंत्रालय बनाने से पता चलता है। इसके बाद गंगा के प्रति प्रेम रखने वाली उमा भारती को उस मंत्रालय को सौंप देना अपने आप में पूरी कहानी कह देता है। आज हरिद्वार में इस महत्वाकांक्षी योजना का की शुरुआत विधिवत हो गई।
भगीरथ की गंगा बचाने के लिए मिशन नमामि गंगे

इस मौके पर सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत, पर्यटन मंत्री महेश शर्मा और साधु संत भी हरिद्वार पहुंचे। जल संसाधन मंत्री उमा भारती के सभी लोगों ने पूरे देश में गंगा सफाई, गंगा सौंदर्यीकरण की 47 परियोजनाओं को शुरू किया। हरिद्वार के साथ देश भर में 104 अन्य स्थानों से कुल 231 प्रकल्पों को शुरू किया गया। पहले चरण में कुल 1142 प्रकल्पों पर काम किया जा रहा है। इनमें सात सीवेज के पानी को रीसाइकल करने और दूषित जल को साफ कर अन्य उपयोग में लाना शामिल है।  

राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता मिशन (एनएमसीजी) के निदेशक ने रजत भार्गव इस बारे में बहुत आशान्वित हैं। उन्होंने आउटलुक को बताया, सभी काम समय सीम से पहले खत्म करने के प्रयास किए जाएंगे। चुनौती बड़ी है लेकिन सहयोग से सब संभव है। सरकार इस योजना में जनता को भी बराबर का भागीदार बनाना चाहती है। इसके लिए चेतना और जागरूरकता जरूरी है। रजत भार्गव ने बताया कि त्रिचुर बंधुओं से एक गंगा गीत बनवाया गया है जिसे देश भर के सभी सिनेमा घरों में दिखाए जाने की तैयारी है।

उमा भारती ने कहा कि गंगा प्रदूषित होती है क्योंकि लोग गंदगी डालने से बाज नहीं आते। इससे निपटने के लिए जल्द ही गंगा पर कानून लाने की कोशिश है ताकि गंगा में गंदगी फैलाने वाले को सख्त दंड दिया जा सके। अपने खास अंदाज में उमा भारती ने उद्बोधन शुरू करने से पहले दोनों हाथों को उठाकर गंगा का जयोघष किया और अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, मुझे हर दल, हर पार्टी, विचारधारा, धर्म, जाति और समुदाय का सहयोग मिल रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने हाल ही में उनकी सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों को भुलाते हुए उमा भारती की जम कर तारीफ की। उन्होंने मंच से यह भी कहा कि सफाई अभियान और सजा की नीति स्पष्ट होनी चाहिए ताकि राज्य उनका अनुसरण कर सकें।

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