अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर छह समुदायों द्वारा आहूत 12 घंटे के असम बंद को मंगलवार को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली, जिससे राज्य के कुछ हिस्सों में जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने कई बंद समर्थकों को भी गिरफ्तार किया है।
एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर ताई अहोम, चुटिया, कोच-राजबोंगशी, आदिवासी, मटक और मोरन समुदायों के विभिन्न संगठनों ने संयुक्त रूप से हड़ताल का आह्वान किया था।
बंद के आह्वान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में लोगों को विरोध करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी समुदायों के नेताओं की मांगों को लेकर नियमित रूप से संपर्क में हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, बंद को तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराईदेव, शिवसागर, गोलाघाट, जोरहाट और लखीमपुर जिलों के कुछ हिस्सों में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली।
अधिकारियों ने कहा कि हड़ताल के समर्थकों ने सड़कों पर टायर जलाए, जबकि वाणिज्यिक प्रतिष्ठान ज्यादातर बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन कम रहा।
प्रदर्शनकारियों ने समुदायों को जल्द से जल्द एसटी का दर्जा नहीं दिए जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।पुलिस ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं।