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कोरोना मामलों की रफ्तार ने बढ़ाई चिंता, अब मोदी सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम

भारत में कोरोना के मामलों में अचानक आई तेजी से भारत सरकार की चिंता बढ़ गई है। जिसके बाद अब मोदी सरकार ने...
कोरोना मामलों की रफ्तार ने बढ़ाई चिंता, अब मोदी सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम

भारत में कोरोना के मामलों में अचानक आई तेजी से भारत सरकार की चिंता बढ़ गई है। जिसके बाद अब मोदी सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान को और तेज करने का फैसला लिया है। 1 अप्रैल से 45 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना है। इसके बाद जल्द ही दूसरे लोगों का भी नंबर आ सकता है। साथ ही इस अभियान में तेजी लाने के लिए अब सरकार कोरोना वैक्सीन एक्सपोर्ट नहीं करेगी। हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार एक्सपोर्ट पर अभी किसी प्रकार का बैन नहीं होगा, लेकिन घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बाद ही दूसरे देशों में वैक्सीन सप्लाई की जाएगी। इसके साथ ही आने वाले समय में टीकों के तेजी से उत्पादन के हिसाब से एक्सपोर्ट का फैसला किया जाएगा।

एक सूत्र ने बताया कि हमने दुनिया के देशों को कोरोना वैक्सीन की कॉमर्शियल सप्लाई की है। आगे भी यह इसी प्रकार चलता रहेगा। दूसरे देशों से हुई सभी कॉमर्शियल डील्स और एक्सपोर्ट कमिटमेंट्स का सम्मान किया जाएगा। फिलहाल सरकार देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किए जाने पर केंद्रित है। भारत में आने वाले दिनों में तेजी से वैक्सीन का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही कुछ और टीकों को इमरजेंसी प्रयोग में लाने के लिए मंजूरी दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में लगभग दो महीने बाद सरकार की ओर एक्सपोर्ट के फैसले को लेकर विमर्श किया जाएगा।

एक्सपोर्ट में कमी करने के फैसले का कारण

सरकार द्वारा वैक्सीन के एक्सपोर्ट में कमी करने के पीछे कई वजहें हैं। इसकी मुख्य वजह फरवरी के बाद से लगातार बढ़ते कोरोना के मामले है। इसके अलावा 1 अप्रैल से 45 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों का टीकाकरण किए जाने का फैसला है। डबल म्युटेशन वायरस के तेजी से फैलने के कारण भी देश में संकट को बढ़ावा दिया है। फिलहाल देश में कोरोना के मामलों की संख्या 1.17 करोड़ के पार पहुंच चुकी है। एक्टिव मामले 4 लाख से ज्यादा है।

वैक्सीन के लिए दूसरे देशों को करना होगा इंतजार

वैक्सीन उत्पादक ने भी इस बात की ओर संकेत किया है कि पहले घरेलू जरूरतों को पूरा करने की ओर ध्यान दिया गया है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने 21 फरवरी को ट्वीट किया था कि प्रिय देशों और सरकारों। आप सभी को कोविशील्ड वैक्सीन की सप्लाई का इंतजार है, लेकिन इसके लिए आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। सीरम इंस्टिट्यूट पहले भारत की बड़ी जरूरत पर फोकस कर रहा है। इसके बाद ही बाकी देशों की जरूरतों का भी ध्यान रख रहे हैं। हम अपनी ओर से हर संभव कोशिश कर रहे है।

देश-विदेश में सप्लाई की गई वैक्सीन

बता दें कि अब तक भारत ने दुनिया के कई देशों को कोरोना वैक्सीन की 60 मिलियन डोज पहुंचाई है। इसमें से 8.5 मिलियन डोज मदद के तौर पर दी गई है। जबकि 34 मिलियन डोज की सप्लाई कॉमर्शियल तौर पर की गई है। विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 18 मार्च को नामीबिया और बोलिविया को आखिरी बार वैक्सीन पहुंचाई गई थी। भारत के इस फैसले से डब्ल्यूएचओ के समर्थन वाली कोवैक्स फैसिलिटी पर भी असर पडे़गा, जिसके कारण दुनिया भर के 180 देश वैक्सीन मिल मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।

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