वाशिंगटन। पिछले साल बदलाव के मुद्दे पर सत्ता में आई मोदी सरकार को अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक ने नौकरशाही और राजनीति में उलझी हुई बताया है। वाशिंगटन के हडसन इंस्टीट्यूट ने मोदी सरकार के एक साल के कामकाज पर एक रिपोर्ट दी है, इसमें कहा गया है कि किस तरह बदलाव और सुधार के मुद्दे पर आई सरकार नौकरशाही और राजनीति में उलझ गई है। हर क्षेत्र में उत्साह नहीं बल्कि सतर्कता दिखाई दे रही है। फिर चाहे वह अर्थव्यवस्था, रक्षा और स्वास्थ्य का क्षेत्र हो या व्यापार एवं निवेश, उर्जा और शिक्षा एवं श्रम का।
रिपोर्ट में कहा गया, अब भी मोदी सरकार के समक्षक बड़े अवसर मौजूद है। नरेंद्र मोदी के लिए निजी तौर पर भारी समर्थन है और कारपोरेट जगत बदलाव को लेकर आशांवित है। वैश्विक माहौल भी मददगार है और जनसांख्यिकीय लाभ देश के पक्ष में है। मोदी के समर्थक भी सकारात्मक परिणामों के लिए बेताब हैं।
अर्थव्यवस्था में तेजी की वजह सरकारी नीतियां नहीं
रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार भावनाओं पर चलते हैं और अब तक भारतीय अर्थव्यवस्था में जो उछाल देखने को मिला है, वह प्राथमिक तौर पर इसलिए है क्योंकि बाजार बेहतर दिशा में बदलाव के लिए अभी भी उम्मीद रखते हैं। इससे पहले कि यह आशावादिता खत्म हो जाए, प्रधानमंत्राी मोदी को तीव्र गति से काम करना चाहिए। रिपोर्ट में दलील दी गई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास की वजह सरकार की नीतियां और उठाए गए कदम नहीं हैं। विकास की दर तेल की कम कीमतों जैसे वैश्विक आर्थिक कारकों और इस तथ्य के कारण बढ़ी है कि बाजार को अभी भी चीजों के बदलने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है सरकार के कुछ कदमों ने भारत की आर्थिक छवि को नुकसान पहुंचाया है। इन कदमों में कर आतंक और टैक्स एवं श्रम सुधारों के कार्यान्वयन में कमी शामिल है।