नैसेकॉम द्वारा बेंगलुरू में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने व्यापार और उद्योग जगत के लिए माहौल बनाने को अपनी सरकार की प्रतिबद्धता करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार व्यापार और उद्योग के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। पीएम ने कहा कि भारत सही दिशा में अग्रसर है लेकिन इसी से संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता, हम कारोबार के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने निवेशकों की चिंता दूर करने के लिए कई निर्णायक कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम साफ साफ कह चुके हैं कि हम पिछली तिथि से करारोपण की व्यवस्था नहीं अपनाएंगे और हमें उम्मीद है कि अगले साल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू कर दिया जाएगा। इस संबंध में उन्होंने कहा कि हमने संसद में जीएसटी विधेयक पेश कर रखा है और उम्मीद है कि यह 2016 में लागू हो जाएगा।
मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद उद्यमियों को भारत में विदेशी निवेश के बारे में बताते हुए कहा कि देश में इस वित्त वर्ष में एफडीआई प्रवाह 40 प्रतिशत बढ़ा है जो यह साबित करता है कि वैश्विक नरमी के इस दौर में भारत निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य है। बौद्धिक संपदा अधिकार के मसले पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि हमने निवेशकों की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करने के लिए कई निर्णायक कदम उठाए हैं जिसके तहत बौद्धिग संपदा अधिकार के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति तैयार की जा रही है, जो प्रगतिशील और भविष्योन्मुखी होगी।
कार्यक्रम को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने भी संबोधित करते हुए जर्मनी में निवेश के लिए भारतीय उद्यमियों का आह्वान किया। मर्केल ने कहा कि जर्मनी की 150 से भी अधिक कंपनियां बेगलुरू में हैं, जो इस बात को साबित करता है कि भारत और जर्मनी के संबंध बहुत अच्छे हैं। अपने संबोधन में मर्केल ने कहा कि दोनों देशों में विकास के कई क्षेत्रों में सुनहरे अवसर हैं।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल रविवार की रात भारत पहुंची थीं। सोमवार को उनका राष्ट्पति भवन में स्वागत किया गया जिसके बाद उन्होंने राष्ट्पति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से औपचारिक मुलाकात की। सोमवार को ही दोनों देशों के बीच अठारह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।