राष्ट्र सेविका समिति की सालाना बैठक का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने किया। उन्होंने कहा कि साधन संपन्न लोगों को पता ही नहीं है कि सृष्टि की अंतिम ऊर्जा का कीमत क्या है। विकास के लिए बलिदान हुआ है और यह बलिदान पर्यावरण ने दिया है। इसी को संभालना है और बाकी दुनिया को बताना है कि भारत अपने हिस्से को सिर्फ खर्च ही नहीं करता बल्कि उसे लौटाता भी है।
महिलाएं ही किसी राष्ट्र को संस्कारित कर सकती हैं ऐसा समिति का मानना है। जब परिवार संस्कारित होता है तो राष्ट्र अपने आप ही संस्कारित हो जाता है। यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि कतारबद्ध कार्यकर्ताओं को देखना किसी के लिए भी आश्चर्य हो सकता है। अपने राज्य के परिधान में सजी सेविकाएं विविधता में एकता का संदेश दे रही थीं। पूर्वोत्तर से आईं सदस्याओं में अलग उल्लास था। तीन दिन चलने वाले इस सम्मेलन में कई खेल स्पर्धाएं, बौद्धिक भाषण और आने वाले समय के लिए योजनाओं पर चर्चा होगी।