मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा, मेरे प्यारे नौजवानो, जब हम विज्ञान और वैज्ञानिकों के कठिन परिश्रम की बात करते हैं, तो कई बार मैंने मन की बात में इस बात को कहा है कि हमारी युवा पीढ़ी का विज्ञान के प्रति आकर्षण बनना चाहिए। देश को बहुत सारे वैज्ञानिकों की जरूरत है। आज का वैज्ञानिक आने वाले युगों में आने वाली पीढि़यों के जीवन में एक स्थायी बदलाव का कारण बनता है।
हाल ही में संपन्न 14वें प्रवासी भारतीय दिवस में आयोजित एक प्रतिस्पर्धा का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, समाज उपयोगी नवोन्मेष को प्रदर्शित किया गया। ऐसे नवोन्मेष की पहचान करना, इसे प्रदर्शित करना, लोगों को जानकारी देना और यह देखना कि नवोन्मेष जन-सामान्य के लिये कैसे काम आएं, ये बहुत महत्वपूर्ण है। हमने अभी एक नवोन्मेष देखा जो जो हमारे गरीब मछुआरे भाइयों की मदद के लिये बनाया गया है।
मोदी ने 2005 की मुंबई बाढ़ का जिक्र किया और कहा, कई बार ऐसा समय आ जाता है जब समस्या ही समाधान के लिए विज्ञान का महत्व समझाती है। मुंबई बाढ़ के बाद ऐसे आवासीय ढांचों को विकसित करने पर बल दिया जाने लगा जो उसमें रहने वालों को एेसी परिस्थितियों में बचा सके और पानी जमा होने से रोका जा सके।
पीएसलवी रॉकेट के जरिए रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजे जाने का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिक देश के लिए गौरव लाए हैं। इसरो ने पीएसएलवी राकेट के जरिये यह 38वां सफल प्रक्षेपण किया है। उन्होंने कहा कि इसरो की टीम में महिलाओं सहित कई युवा वैग्यानिक हैं।
मोदी ने कहा, मंगलयान को मंगल पर भेजने के सफल मिशन के बाद इसरो ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में विश्व कीर्तिमान बना दिया। इसरो ने एकसाथ 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया।...ये उपग्रह कई देशों के हैं।...एक बार में 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने वाला पहला देश बनकर भारत ने इतिहास रच दिया। मोदी ने कहा कि पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित उपग्रहों में से एक कार्टासैट2डी है जो परिचालन की स्थिति में आ गया है। यी शहरी विकास के लिए संसाधनों एवं बुनियादी ढांचे व योजना के आकलन में बहुत सहायक होगा।
बैलेस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइल के सफल परीक्षण पर मोदी ने कहा कि यह करीब 100 किलोमीटर की उंचाई पर भी दुश्मन की मिसाइल को नष्ट कर सकती है। दुनिया में सिर्फ चार-पांच देशों के पास ही इस तरह की क्षमता है। अपने 30 मिनट से अधिक की मन की बात में प्रधानमंत्री ने इस साल अनाज की रिकॉर्ड पैदावार के लिए भी किसानों की भूमिका की सराहना की।
मोदी ने कहा, हमारे देश की अर्थव्यवस्था के मूल में कृषि का बहुत बड़ा योगदान है। गांव की आर्थिक ताकत, देश की आर्थिक गति को ताकत देती है। मैं आज एक बहुत खुशी की बात आपको कहना चाहता हू। हमारे किसान भाइर्यां-बहनों ने की मेहनत करके अन्न के भंडार भर दिए हैं। हमारे देश में किसानों के परिश्रम से इस वर्ष रिकार्ड अन्न उत्पादन हुआ है। सारे संकेत यही कह रहे हैं कि हमारे किसानों ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये है।
उन्होंने कहा, इस वर्ष देश में लगभग दो हजार सात सौ लाख टन से भी ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। हमारे किसानों के नाम जो आखिरी रिकॉर्ड अंकित हुआ था, उससे भी ये 8 प्रतिशत से ज्यादा है। ये अपने-आप में अभूतपूर्व सिद्धि है।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं विशेष रूप से देश के किसानों का धन्यवाद करना चाहता हूं। किसानों का धन्यवाद इसलिये भी करना चाहता हूं कि वे परंपरागत फसलों के साथ-साथ देश के गरीब को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग दालों की भी खेती करें क्योंकि दाल से ही सबसे ज्यादा प्रोटीन गरीब को मिलता है। भाषा