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प्रियंका गांधी हिंसा में मरे दो लोगों के परिजनों से मिलने बिजनौर पहुंचीं, यूपी में 16 की मौत

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने आज उत्तर प्रदेश के बिजनौर में नागरिकता कानून को लेकर भड़की...
प्रियंका गांधी हिंसा में मरे दो लोगों के परिजनों से मिलने बिजनौर पहुंचीं, यूपी में 16 की मौत


कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने आज उत्तर प्रदेश के बिजनौर में नागरिकता कानून को लेकर भड़की हिंसा में मारे गए दो लोगों के परिजनों से मुलाकात की। इस बीच, राज्य में हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से भेंट करने के लिए पहुंचे तृणमूल कांग्रेस के चार सदस्यीय दल को लखनऊ हवाई अड्डे पर ही रोक दिया। पार्टी ने दावा किया है कि दल के सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। हिंसक प्रदर्शनों के चलते उत्तर प्रदेश में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि बिहार में राजद द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा से रेल और सड़क यातायात बाधित हुआ। इस बीच उत्तर प्रदेश में आज फिर इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में इंटरनेट सेवा को सोमवार तक बंद कर दिया गया है। कांग्रेस, वामपंथी दल और अन्य विपक्षी पार्टिया केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रही हैं, जिसमें मांग की जा रही है कि विवादास्पद कानून को खत्म कर दिया जाए।
स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने बताया कि प्रियंका गांधी बिजनौर के नहतौर क्षेत्र में पहुंची और दो लोगों के परिजनों से मिलीं। प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़कने से इन दोनों की मौत हो गई थी। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से भी बातचीत की। उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से प्रभावित प्रमुख शहरों में बिजनौर भी शामलि है। वहां पथराव होने के बाद वाहनों को भी आग लगा दी गई।

लखनऊ हवाई अड्डे पर सदस्यों को पुलिस ने रोकाः टीएमसी

दल में सदस्य के तौर पर शामिल टीएमसी के राज्यसभा सदस्य मोहम्मद नदीमुल हक ने कहा कि वे और अन्य सदस्य हवाई अड्डे पर हैंगर के निकट धरना दे रहे हैं। जैसे ही विमान लखनऊ पहुंचा, पुलिस ने हमें घेर लिया और एकांत स्थान पर ले गई। हम वहां धरना दे रहे हैं।
देश भर में नए कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज है। लेकिन उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध में हिंसा की ज्यादा घटनाएं सामने आ रही हैं। इसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन मुस्तैद है और हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। एहतियात के तौर पर उत्तर प्रदेश में रविवार को फिर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के 21 जिलों में इंटरनेट सेवा सोमवार तक बंद रखने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि लखनऊ में धारा 144 लागू है, ऐसे में टीएमसी नेताओं को हम यहां आने की अनुमति नहीं देंगे। उनके यहां आने से तनाव बढ़ सकता है। यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने पहले भी दावा किया था कि लखनऊ हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ रहा है। सिंह ने कहा, 'हमें जानकारी मिली है कि टीएमसी के कुछ नेता लखनऊ आना चाहते हैं। हम उन्हें इजाजत नहीं देंगे। यहां धारा 144 लागू है और इनके आने से इलाके में तनाव और बढ़ सकता है।'
इससे पहले एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कानपुर में यतीमखाना पुलिस चौकी को आग लगा दी और भारी ईंट-पत्थर बरसाए, जिससे पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने उनका पीछा करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
705 लोग गिरफ्तार, 4,500 लोग हिरासत में
यूपी पुलिस ने कहा कि पिछले दो दिनों के दौरान हिंसा के लिए 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 4,500 लोगों को हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि 260 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 57 बंदूक की गोली से जख्मी हुए हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में भी प्रदर्शन जारी

राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर विरोध और संघर्ष के बीच भीम आर्मी के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद को गिरफ्तार किया गया था बाद में उन्हें कोर्ट ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। शनिवार को इंडिया गेट, जामिया मिलिया इस्लामिया, राजघाट, उत्तर प्रदेश भवन सहित कई स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। पुलिस ने कहा कि किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। वहीं दरियागंज में शुक्रवार की हिंसा के लिए गिरफ्तार किए गए पंद्रह लोगों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि 11 अन्य को सीमापुरी की घटना के सिलसिले में एक पखवाड़े के लिए जेल भेज दिया गया।

अलग-अलग राज्यों में क्या है हाल

-असम में जहां प्रदर्शनकारियों ने संशोधित कानून के खिलाफ रैलियां कीं वह शांतिपूर्ण था, वहीं मेघालय में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं।
- हजारों विश्वविद्यालय के छात्रों ने सड़कों पर उतरकर कोलकाता में राज्य भाजपा मुख्यालय की ओर मार्च किया और कानून वापस लेने की मांग की। वहीं पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच उस समय हाथापाई हो गई जब कुछ लोगों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर पार्टी कार्यालय की ओर जाने की कोशिश की। युवा कांग्रेस ने दोपहर में राजभवन तक एक मार्च का आयोजन किया।
-बिहार में, बांस के डंडे और पार्टी के झंडे लेकर, राष्ट्रीय जनता दल द्वारा बुलाए गए बंद के समर्थक राज्य के सभी जिलों में बस स्टेंड, रेलवे ट्रैक वगैरह पर जमा हुए। वे रेल की पटरियों पर बैठ गए, ट्रेन की आवाजाही बाधित कर दी और दिन भर के बंद को लागू करने के लिए विभिन्न स्थानों पर बस टर्मिनस को अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने टैक्सियों और तिपहिया वाहनों में भी तोड़-फोड़ की और भागलपुर, मुजफ्फरपुर और पटना के बाहरी इलाकों में बंद के बावजूद सड़कों पर उतरने वाले साइकिल-रिक्शा को क्षतिग्रस्त कर दिया।
- दक्षिणी राज्यों में भी कई शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। सीपीआई-एम के कार्यकर्ताओं ने चेन्नई में रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उनके प्रयासों को पुलिस ने नाकाम कर दिया।
- केरल में कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेताओं के नेतृत्व में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किए। तमिल और केरल में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई हुई।
-कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने मंगलुरु का दौरा किया और हिंसक विरोधी सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान गुरुवार को पुलिस फायरिंग में मारे गए दो व्यक्तियों के परिवारों से मुलाकात की।

राजनीतिक दलों ने कहा- अड़ियल रुख छोड़े सरकार

नागरिकता अधिनियम के खिलाफ देशव्यापी हलचल के बीच, भाजपा सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने केंद्र से आग्रह किया कि वह इसमें संशोधन लाकर मुसलमानों को नए कानून में शामिल करे। पार्टी ने कहा कि धर्म के आधार पर कोई बहिष्कार नहीं होना चाहिए। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पटियाला में कहा, "हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि मुस्लिम समुदाय को इसमें शामिल किया जाना चाहिए।"
बसपा अध्यक्ष मायावती ने केंद्र से कहा कि वह नए नागरिकता कानून और एनआरसी पर अपना "अड़ियल रुख" छोड़ दे और अपना फैसले वापस ले ले क्योंकि अब "सीएए और एनआरसी के विरोध में आवाजें एनडीए के भीतर से आने लगी हैं।"
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि आठ अन्य राज्यों की तरह, महाराष्ट्र को भी इसे लागू करने से मना करना चाहिए

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