कानपुर में 16 वर्षीय नाबालिग को अज्ञात लोगों द्वारा पारंपरिक टोपी पहनने और "जय श्री राम" नहीं बोलने पर कथित तौर पर पीटा गया। पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब बर्रा इलाके का रहने वाला मोहम्मद ताज किदवई नगर में नमाज अदा करने के बाद घर लौट रहा था।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि यह घटना शुक्रवार को हुई जब बर्रा निवासी मोहम्मद ताज किदवई नगर में नमाज अदा कर घर लौट रहा था। स्टेशन हाउस ऑफिसर (बर्रा) सतीश कुमार सिंह ने कहा कि तीन या चार अज्ञात मोटरसाइकिल चालकों ने ओवरटेक करने के बाद ताज को उनके घर से कुछ सौ मीटर की दूरी पर रोक दिया और उन पर आपत्ति जताई। सिंह ने कहा कि हमलावरों ने किशोर को "जय श्री राम" का नारा लगाने के लिए कहा और उसके ऐसा करने से इनकार करने पर उसे बुरी तरह से लात और घूंसे मारे।
‘यहां टोपी पहनने की अनुमति नहीं’
पीड़ित ने कहा, "जब मैं प्रार्थना करने के बाद वापस आ रहा था, तो तीन से चार लोगों ने मुझे अपनी कार से नीचे उतरने के लिए कहा। उन्होंने मेरे सिर पर टोपी देखकर मुझे गालियां देनी शुरू कर दीं।"
उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरी टोपी को हटा दिया, मुझे नीचे गिरा दिया और मुझे 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए कहा। 16 वर्षीय किशोर ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उनसे कहा कि इस इलाके में टोपी पहनने की "अनुमति नहीं" है। किशोर ने बताया, “उन्होंने मुझे मुल्ला कहा और मुझे पीटा उसके बाद मेरा सेल फोन भी छीन लिया क्योंकि मैं अपने परिवार और पुलिस को फोन करने वाला था।”
किशोर ने कहा कि वह मदद के लिए चिल्लाया और उसने बचाने के लिए कुछ दुकानदारों से गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि कुछ राहगीरों ने उनकी मदद के लिए दौड़ लगाई जिसके बाद हमलावर भाग गए।
मामला दर्ज
अधिकारी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच शत्रुता) सहित एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। सिंह ने कहा कि पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और आरोपी की पहचान के प्रयास जारी हैं।
इस महीने कई मामले सामने आए
बता दें कि हाल फिलहाल धार्मिक नारे नहीं लगाने की वजह ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में जय श्री राम ना कहने पर एक मदरसे के टीचर के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया। मदरसे के शिक्षक ने शिकायत दर्ज कराई है कि जय श्री राम नहीं बोलने की वजह से कुछ लोगों के एक समूह ने उसे पीटा और चलती ट्रेन से धक्का दे दिया।
वहीं इससे पहले झारखंड में 22 वर्षीय तबरेज अंसारी को भीड़ ने 18 घंटे तक पीटा। उसे जय श्री राम और जय हनुमान कहने के लिए मजबूर किया। उसे इतना पीटा गया कि आखिरकार उसकी मौत हो गई।