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पाकिस्तान संग तनाव के बीच बड़ा फैसला: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, पूर्व रॉ प्रमुख बने अध्यक्ष

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) में फेरबदल किया है। रिसर्च एंड एनालिसिस...
पाकिस्तान संग तनाव के बीच बड़ा फैसला: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, पूर्व रॉ प्रमुख बने अध्यक्ष

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) में फेरबदल किया है। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) का प्रमुख नियुक्त किया गया है। बोर्ड में छह और सदस्यों को भी शामिल किया गया है।

सदस्यों में पूर्व पश्चिमी वायु कमांडर एयर मार्शल पी.एम. सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह और रियर एडमिरल मोंटी खन्ना शामिल हैं, जो सभी सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी हैं। राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भारतीय पुलिस सेवा के दो सेवानिवृत्त सदस्य हैं। बी वेंकटेश वर्मा सात सदस्यीय बोर्ड में सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी हैं।

यह निर्णय पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आया है, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी तथा कई लोग घायल हो गए थे।

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने आवास पर बुलाई गई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक आज दोपहर संपन्न हुई।

सीसीएस बैठक के साथ-साथ दो अतिरिक्त समिति बैठकें - राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) - प्रधानमंत्री के आवास पर बुलाई गईं। आज दोपहर 3:00 बजे कैबिनेट ब्रीफिंग निर्धारित है।

दूसरी सीसीएस बैठक में पहलगाम घटना के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा की गई। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की पिछली बैठक 23 अप्रैल को हुई थी और उसे पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे।

सीसीएस को दी गई जानकारी में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को उजागर किया गया। यह ध्यान दिलाया गया कि यह हमला केंद्र शासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव होने और आर्थिक वृद्धि और विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ है।

इसके बाद सरकार ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित रखने सहित कई उपायों की घोषणा की।

इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुखों ने भाग लिया।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा और विश्वास जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता है। 

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