तमिलनाडु के चेन्नई में 30 जनवरी को अगवा हुए 26 वर्षीय नौसेना नाविक की मौत हो गई है। बता दें कि नाविक को महाराष्ट्र के पालघर स्थित जंगलों में जिंदा जलाया गया था। पुलिस ने बताया कि बुरी तरह से झुलसने से पीड़ित सूरज कुमार की अस्पताल में मौत हो गई। वहीं पुलिस अपहरणकर्ताओं की तलाश कर रही है।
सूरज के पिता ने अपने बेटे के इंसाफ की गुहार लगाई है। उनके पिता मिथिलेश दुबे ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि मैं अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहता हूं। मैं मीडिया के माध्यम से संदेश देना चाहता हूं। उसने मरने से पहले बयान दिया था कि फिरौती की लिए उसे किडनैप करके 3 दिनों तक चेन्नई में रखा गया था। इसके बाद उसे पालघर के जंगलों में जिंदा जला दिया गया।
प्रारंभिक जांच में मिली जानकारी
पालघर के पुलिस प्रवक्ता सचिन नावाडकर ने बताया कि रांची के रहने वाले सूरज कुमार दुबे को कोयंबटूर के आईएनएस अग्रनी में तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि वह 30 जनवरी को छुट्टी से लौट रहे थे, तब चेन्नई एयरपोर्ट के बाहर तीन लोगों ने बंदूक की नोंक पर करीब रात 9 बजे उसे अगवा कर लिया और 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग भी की गई। उसके बाद 3 दिनों तक उसे चेन्नई में बंदी बनाकर रखा गया फिर उसे महाराष्ट्र के पालघर स्थित तलासरी इलाके में स्थानांतरित कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि अपहरणकर्ता ने शुक्रवार को उसके बांध कर जंगलों में जिंदा जलाने की कोशिश की, लेकिन वह किसी तरह भागने में कामयाब रहा कुछ लोगों की मदद से उसे प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। 90 प्रतिशत जलने की वजह से उसे बचाया नहीं जा सका और मुंबई के नवल अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मरने से पहले दुबे ने सारी कहानी पुलिस को बताई थी।
जिला पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है और जांच जारी है।