गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आने वाले तीन सालों में वामपंथी उग्रवाद की बुराई का देश से सफाया कर दिया जाएगा।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक लखनऊ में रैपिड एक्शन फोर्स की 26वीं वर्षगांठ को संबोंधित करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई भी एक्शन तुरंत और तेज होना चाहिए लेकिन ‘लापरवाही’ वाला कतई नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में ही वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 10-12 पर आ गई है जो एक समय 126 हुआ करती थी। ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब आने वाले एक-दो या तीन सालों में वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह से साफ हो जाएगा। और यह सब होगा सुरक्षाबलों की प्रतिबद्धता, आपके साहस तथा आपके कठोर परिश्रम और राज्य पुलिस के सहयोग से। उन्होंने इसके लिए अर्धसैनिक बलों को बधाई भी दी।
उन्होंने कहा कि इन केंद्रीय बलों ने दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय करके हिंदुस्तान की जनता के मन में भरोसा कायम किया है। जहां नक्सलवाद था और जहां विकास की किरण नहीं पहुंची थी, वहां इन बलों ने नक्सलवादियों के मजबूत ठिकानों को खत्म किया है जिससे वहां विकास कार्य शुरू हो पाए हैं। गृहमंत्री ने कहा कि जब असम में एनआरसी को लेकर आंदोलन हो रहा था, तब वहां सीआरपीएफ को बुलाने की मांग की गई थी। केरल में बाढ़ के वक्त भी सीआरपीएफ को बुलाने की मांग उठी थी।
गृहमंत्री के अनुसार इस साल 131 माओवादी और चरमपंथी मारे गए और 58 का सरेंडर करवाया गया।
रैपिड एक्शन फोर्स में एक हजार से ज्यादा जवान हैं जो विभिन्न उपकरणों सहित आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं, जिसमें आसूं गैस वाले गोले के लॉन्चर, पंप एक्शन गन आदि शामिल होते हैं जो दंगा होने या कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में काम आते हैं।
यह आरएएफ केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स का ही भाग है जो 3 लाख से ज्यादा जवानों के साथ देश की सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है। अक्टूबर 1992 में इसने पूरी तरह से काम करना आरंभ किया था।