केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कश्मीर घाटी में अब कहीं भी प्रतिबंध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र जाकर हिमालय से भी बड़ी गलती कर दी।
शाह ने भरोसा जताया कि अगले साल दस में जम्मू कश्मीर देश का सबसे ज्यादा विकसित राज्य बन जाएगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले पांच अगस्त को विशेष दर्जा खत्म करने का बड़ा फैसला किया।
घाटी में लोग कहीं भी आने-जाने को स्वतंत्र
घाटी में प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष गलत सूचनाएं फैला रहा है कि कश्मीर घाटी में प्रतिबंध लगे हैं। प्रतिबंध कहां हैं, उन्होंने सवाल उठाया। दरअसल, प्रतिबंध सिर्फ उनके दिमाग में हैं। वास्तव में कोई प्रतिबंध नहीं हैं। सिर्फ गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।
कर्फ्यू सभी थाना क्षेत्रों से हटा
उन्होंने बताया कि कश्मीर के सभी 196 पुलिस थानों में कर्फ्यू हटा लिया गया है। सिर्फ आठ थानों में धारा 144 लागू रह गई है। इस धारा के तहत पांच से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं। लोग पूरी घाटी में कहीं भी घूमने को स्वतंत्र हैं।
नेहरू ने हिमालय से भी बड़ी गलती की
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी में संकल्प फॉर्मर सिविल सर्वेंट्स फोरम द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित सेमिनार में गृह मंत्री ने कहा कि भारत 1948 में संयुक्त राष्ट्र चला गया। यह हिमालय से भी बड़ी गलती थी। भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 35 के तहत के तहत यूएन में चला गया। यह अनुच्छेद जमीन विवादों को देखते है। अगर भारत अनुच्छेद 51 के तहत यूएन में जाता तो यह पाकिस्तान के भारतीय जमीन पर अवैध कब्जे का मामला होता।