शनिवार को सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि किसानों का मसला बातचीत से ही दूर होगा। यानी की केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत की संभावना बरकरार रखी है। पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को सरकार द्वारा दिया गया प्रस्ताव आज भी कायम है। आगे पीएम मोदी ने कहा कि किसान नेताओं और कृषि मंत्री के बीच पिछली चर्चा में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि वे किसानों से केवल एक फोन दूर हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में उन्होंने कहा कि केंद्र किसानों के मसलों को वार्ता के जरिए सुलझाने की लगातार कोशिश कर रही है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, केंद्र अपने प्रस्ताव पर अभी भी बरकरार है। उन्होंने कहा, "22-23 जनवरी को कृषि मंत्री नरेद्र सिंह तोमर ने किसानों के सामने जो प्रस्ताव रखे थे उस पर अभी भी हम बरकरार हैं और डिस्कशन के लिए तैयार हैं। यदि किसान बातचीत को तैयार हैं तो मैं एक फोन कॉल पर उपलब्ध हूं।"
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जो किसान नेताओं से कहा गया था, उस पर अभी भी सरकार सहमत है। केंद्र बातचीत को तैयार है। ये बात जोशी ने प्रधानमंत्री के हवाले से कही है।" पीएम मोदी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने की भी निंदा की है।
संसद के कामकाज को लेकर बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिवसेना के विनायक राउत सरीखे कई अन्य नेता शामिल हुए।
शुक्रवार से शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए एक ओर जहां कृषि कानूनों की तारीफ की। वहीं, दूसरी ओर लालकिले में हुई घटना की निंदा की। बता दें, 19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था।