भारत में लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। अब मतदाताओं को रिझाने के लिए हर पार्टी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने लगी हैं। तकनीक ने एक तरह से चुनाव की ‘मुख्य बागडोर’ संभाल ली है। गूगल ने विज्ञापन नीति में पारदर्शिता लाने के लिए नई विज्ञापन नीति बनाई है। जल्द ही इसे अमली जामा पहना दिया जाएगा। यानी अब चुनावी विज्ञापन की जानकारी गूगल सार्वजनिक कर देगा।
पारदर्शिता आएगी
सर्च इंजन गूगल ने एक नई चुनाव विज्ञापन नीति की घोषणा की है, जो इस बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करेगी कि कौन विज्ञापन को गूगल प्लेटफॉर्म पर खरीद रहा है और कितना पैसा खर्च किया जा रहा है। इसे बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है। इससे चुनाव में अनाप-शनाप पैसा खर्च करने में पारदर्शिता आएगी और आम आदमी भी जान सकेगा कि कौन सी पार्टी कितने धन-बल का उपयोग कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि इससे पार्टियों के बेहिसाब खर्च पर भी रोक लगेगी।
बढ़ेगी विश्वसनीयता
अपडेट चुनाव विज्ञापन नीति के तहत विज्ञापनदाताओं को हर वह विज्ञापन जो वे इस प्लेटफॉर्म पर चलाना चाहते हैं उसके लिए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) या ईसीआई द्वारा अधिकृत किसी भी व्यक्ति द्वारा जारी किए गए ‘पूर्व-प्रमाण पत्र’ प्रदान करने की आवश्यकता होगी। प्रमाण पत्र से विश्वसनीयता बढ़ेगी। जाहिर सी बात है यह प्रमाण पत्र हासिल करना आसान नहीं होगा। इसके लिए सही जानकारी मुहैया करानी होगी। यदि यह प्रमाणपत्र नहीं होगा तो विज्ञापन देना मुश्किल होगा।
पहचान जरूरी
कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि कि गूगल अपने प्लेटफार्मों पर विज्ञापन जारी करने से पहले विज्ञापनदाताओं की पहचान को सत्यापित करेगा। इससे बेनामी विज्ञापनों पर रोक लगेगी और सभी जान पाएंगे कि आखिर किसी पार्टी के पक्ष में विज्ञापन देने वाला कौन है। गूगल इंडिया के पब्लिक पॉलीसी निदेशक चेतन कृष्णस्वामी का कहना है, ‘‘उम्मीद है कि 2019 के चुनाव में 850 मिलियन से अधिक भारतीय देश की अगली सरकार चुनने के लिए अपने मत का प्रयोग करेंगे। हम चुनाव के बारे में कड़ाई से सोच रहे हैं। हम भारत और दुनिया भर में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का समर्थन करना जारी रखते हैं। इसके लिए हम ऑनलाइन चुनाव विज्ञापन के लिए और अधिक पारदर्शिता ला रहे हैं और लोगों को चुनाव प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझने में मदद करने के लिए प्रासंगिक जानकारी सामने ला रहे हैं।’’
विज्ञापनदाताओं के सत्यापन की प्रक्रिया 14 फरवरी से शुरू होगी। गूगल मार्च में खास तौर पर भारत के लिए ‘राजनीतिक विज्ञापन पारदर्शिता’ रिपोर्ट पेश करेगा। साथ ही यह ‘राजनीतिक विज्ञापन लाइब्रेरी’ भी पेश करेगा जिसे सर्च किया जा सकेगा। कंपनी का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गूगल ईसीआई और अन्य आधिकारिक स्रोतों से चुनावी जानकारी आसानी को आसानी से खोज सकें ऐसी सुविधा उपलब्ध कराएगा।