अधिकारियों ने कहा कि विदेशों में भी इस तरह के संस्थान हैं, इसलिए लगता है कि शिक्षकों के प्रशिक्षण से संबंधित सभी पहलुओं के साथ समग्र तरीके से निपटने के लिए एक विशेष विश्वविद्यालय से शिक्षण के मानक सुधारने में मदद मिल सकती है। सूत्राें ने कहा, एनसीईआरटी में विशेषज्ञों का एक दल अवधारणा नोट पर काम कर रहा है, जिसमें इस तरह के विश्वविद्यालय की जरूरत का अध्ययन किया जाएगा और देखा जाएगा कि इसकी स्थापना कैसे की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस बात का अध्ययन किया जाएगा कि नये संस्थान की जरूरत है या मौजूदा में से ही किसी को विश्वविद्यालय में तब्दील किया जा सकता है। सूत्राें के अनुसार, उदाहरण के लिए एनसीईआरटी के क्षेत्रीय संस्थान हैं। इनमें से किसी को शिक्षक विश्वविद्यालय में बदलना व्यावहारिक होगा। इन संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। सूत्राें ने कहा कि स्कूली शिक्षा से जुड़ी एक और गतिविधि में मानव संसाधन विकास मंत्रालय उन 32 डीटीएच चैनलों में से एक के लिए शिक्षण सामग्री भी तैयार कर सकता है, जो अगले कुछ महीने में शुरू किये जाने की योजना है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    