2012 के निर्भया गैंगरेप की पीड़िता के माता-पिता की एक याचिका को दिल्ली को एक अदालत ने स्वीकार कर लिया है। याचिका में केस को किसी अन्य जज के यहां ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। केस में देरी होने की वजह से यह याचिका दी गई थी।
अदालत 25 नवंबर को सुनेगी केस
बलात्कार के दोषियों को सजा जल्द देने के लिए तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश देने की मांग करते हुए पीड़िता के माता-पिता ने याचिका दायर की थी। अदालत इस मामले को 25 नवंबर को सुनेगी। इस मामले की सुनवाई कर रहे दो जजों के ट्रांसफर के कारण इसकी सुनवाई टलने की वजह से यह आवेदन दिया गया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में जज न होने से देरी
पटियाला हाउस कोर्ट में यौन उत्पीड़न के मामले सुनने वाले स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट में कोई काम नहीं हो पा रहा है क्योंकि वहां कोई जज नहीं है। आवेदन में कहा गया कि दोषियों द्वारा सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल किया जा चुका है। पेरामेडिकल की पढ़ाई कर रही 23 वर्षीय युवती के साथ 16 दिसंबर 2012 को गैंग रेप किया गया था। इसके बाद जोरदार आंदोलन उठ खड़ा हुआ।
दोषियों को जल्द मृत्यु दंड देने की मांग
पिछले साल दिसंबर में निर्भया के माता-पिता ने चारों दोषियों को सजा देने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के लिए अदालत से प्रार्थना की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 12 दिसंबर को एक जनहित याचिका खारिज कर दी थी। जिसमें मांग की गई थी कि चार दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को मौत की सजा देने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दे।