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उपराष्ट्रपति चुनावः राहुल के फोन पर माने नीतीश

बेशक जदयू ने राष्ट्रपति के लिए एनडीए समर्थित उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर विपक्षी एकता को झटका दिया हो लेकिन उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के गोपालकृष्ण गांधी के नाम पर नीतिश ने राहुल की बात मान ली है। इस कदम को विपक्ष की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है।
उपराष्ट्रपति चुनावः राहुल के फोन पर माने नीतीश

मालूम हो कि गौरतलब है कि मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई बैठक में जदयू, राजद,  टीएमसी,  सपा, बसपा समेत 18 दलों के नुमाइंदे शामिल हुए थे। जब कांग्रेस, सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने गोपालकृष्ण गांधी को 18 विपक्षी दलों का साझा उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार चुने जाने की सूचना दी तो उन्होंने पूछा कि 18वां दल कौन है तो जवाब मिला, जदयू। मंगलवार को हुई विपक्षी दलों की बैठक में जदयू के पूर्व अध्यक्ष और सांसद शरद यादव मौजूद थे। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने गांधी को यादव की मौजूदगी के बारे में बताते हुए ही जदयू के समर्थन के प्रति आश्वस्त किया था। लेकिन फिर भी राहुल को नीतीश से भी हामी भरवानी पड़ी।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के फोन का जवाब देते हुए बिहार के सीएम और जदयू के मुखिया नीतीश कुमार ने गांधी को समर्थन देने की पुष्टि की। नीतीश ने राहुल गांधी से ये भी कहा कि गोपालकृष्ण गांधी राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए उनकी पहली पसंद थे। बताया जाता है कि  गोपालकृष्ण गांधी ने भी फोन पर नीतीश कुमार से बात की है।

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