उन्होंने वाशिंगटन में भारतीय संवाददाताओं के साथ एक गोलमेज सम्मेलन में कहा, अलग-अलग राजनीतिक दल के लोगों के गैर जिम्मेदाराना बयान देने की छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जमीन पर इस तरह की (असहिष्णुता होने) कोई गतिविधि है। वित्त मंत्री ने कहा, ये खराब घटनाएं हैं। ये बहुत ही खराब घटनाएं हैं लेकिन एक बड़े देश में ऐसा बहुत ही कम होता है। पूर्व में भी ऐसी छिटपुट घटनाएं होती रही हैं। जेटली ने देश में असहिष्णुता के कथित माहौल से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह मीडिया की उपज है।
उन्होंने कहा, जमीनी स्तर पर विषय को लेकर मेरी अपनी समझ यह है कि क्या ऐसी बहुत सारी चीजें हो रही हैं जिनसे यह (असहिष्णुता) दिखती है? जवाब ना में है। वित्त मंत्री ने कहा, भारत जैसे बड़े देश में एक ही समय में कुछ घटनाएं हो सकती हैं जिन्हें बहुत ही अनुचित और निंदनीय समझा जा सकता है। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा में किसी तरह का आत्मनिरीक्षण हो रहा है, उन्होंने कहा, असल में ना तो पार्टी के एजेंडे में या जमीनी स्तर पर इस तरह की कोई गतिविधि है जिसमें भारत जैसे बड़े देश में राज्य दर राज्य यह (असहिष्णुता की घटनाएं) हो रहा है।
जेटली ने कहा, कोई समाचार चैनल चार लोगों को गैर जिम्मेदाराना बयान देते दिखाकर उसकी खबर बना सकता है। ऐसा लगता है कि यही हो रहा है। राजनीति में व्यापक रूप में ऐसा दिखाया जाता है, हमेशा ऐसे तीन या चार लोग होंगे जो घटनाओं को लेकर आक्रामक और असंगत तरीके से प्रतिक्रिया देंगे।
उन्होंने कहा, इसलिए जब टेलीविजन कैमरे से आपका सामना होता है, असभ्य टिप्पणी, असभ्य बयान, अनुचित बयान आते हैं, आप वह कहते हैं जो आपको नहीं कहना चाहिए, ऐसे चार, पांच, छह लोग हैं, उसको आप एन्वायरनमेंट ऑफ इनटोलरेंस (असहिष्णुता का माहौल) कह दो? वित्त मंत्री अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के एक हफ्ते के दौरे पर हैं। सप्ताहांत में वह न्यूयार्क जाएंगे जहां वह स्थानीय कारोबारी समुदाय के साथ बातचीत करेंगे और संयुक्त राष्ट्र में एक बैठक को संबोधित करेंगे।